चंडीगढ़, 27 नवंबर (ट्रिन्यू)
देश में ऐसी कोई जेल नहीं बनी है जो किसान को कैद कर सके। किसान अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में केंद्र सरकार के द्वार पर आया है। सरकार को तुरंत इसका संज्ञान लेते हुए कानून में एमएसपी का प्रावधान जोड़ना चाहिए। यह कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। शुक्रवार को जारी बयान में दीपेंद्र ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ जो बर्ताव किया है, उसे पूरे देश और पूरी दुनिया ने देखा है।
उन्होंने कहा कि एक शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ इस तरह का बर्ताव कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अन्नदाता के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के कुप्रयास से हरियाणा सरकार का किसान विरोधी चेहरा फिर बेनकाब हो गया है। भाजपा व जजपा गठबंधन सरकार को किसान नहीं बल्कि कुर्सी ज्यादा प्यारी है। दोनों को अगर किसानों की जरा भी चिंता है तो उसे तुरंत नए कानूनों में एमएसपी का प्रावधान जुड़वाना चाहिए, नहीं तो जजपा को भी अकाली दल की तरह सरकार से बाहर निकल जाना चाहिए।
दीपेंद्र ने कहा कि ये इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सरकार खुद सड़कों पर जाम लगा रही है और किसान उस जाम को खोल रहे हैं। सरकार सड़कों पर गड्ढे खुदवा रही है और किसान उन गड्ढों को भर रहे हैं। संवेदनहीनता की सारी हदें पार करते हुए सरकार ने उन किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिनकी आंखों में पहले ही आंसू हैं।