विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 5 दिसंबर
प्रवासी पक्षियों का प्रव्रजन आदिकाल से ही मनुष्य के लिए कौतुक का विषय रहा है। प्रवासी पक्षियों का तालाबों, जोहड़ों, नदियों व जलाशयों में अठखेलियाँ करना व पानी में डुबकी लगाना जनमानस को खूब लुभाता है।
सर्दियों में हरियाणा प्रदेश के पोखरों, तालाबों, नदियों, बैराजों में प्रवासी पक्षियों का कलरव यदा कदा आपको सुनाई दे जाएगा क्योंकि प्रवासी पक्षी भोजन व आश्रय की खोज में सुदूर प्रदेशों से अपने शीतकालीन प्रवास के लिए यहां आते हैं तथा सर्दियों के समाप्त होते ही अपने मूल स्थान को प्रस्थान कर जाते हैं। थाना का प्राकृतिक तालाब भी दशकों से प्रवासी पक्षियों की पहली पसंद रहा है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीरा के जीवविज्ञान प्राध्यापक डॉ. तरसेम कौशिक ने बताया कि पिहोवा के थाना गांव का प्राकृतिक तालाब जैव विविधता की दृष्टि से समृद्ध तालाब है। डॉ. कौशिक ने बताया कि थाना के प्राकृतिक तालाब को हरियाणा सरकार ने गोल्डन जुबली ब्रह्मसरोवर कम्युनिटी रिजर्व का दर्जा दिया है ताकि इसमें पल्लवित जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके।
थाना के प्राकृतिक तालाब में प्रवासी पक्षियों की विविध प्रजातियां जैसे ब्राहमणी बत्तख, छोटी सिल्ही, चेता बत्तख, राजहंस, नकटा, बेखुर बतख, सिख पर बत्तख, गढ़वाल, मल्लार्ड, कॉटन टील, तिदारी बत्तख, सरपट्टी सवन, विजियन, शिखी पोचार्ड, पिंक शीर्ष पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, करछिया बगुला, ग्लॉसी आइबिस, घोंघिल इत्यादि शीतकालीन भ्रमण के लिए आती हैं। इसके अतिरिक्त तालाब
में आईयूसीएन (अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ) की लाल सूची में अंकित सॉफ्ट शैल टर्टल (कछुए की प्रजाति) भी पाई जाती है, जोकि जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
डा. कौशिक ने कहा कि हरियाणा सरकार के वन विभाग से अनुरोध करते हैं कि जैव विविधता से परिपूर्ण थाना के प्राकृतिक तालाब को उसकी मूल अवस्था में ही संरक्षित करें।