दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 जून
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में पर्याप्त संख्याबल होने के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार से पार्टी हाईकमान चिंतित भी है और नाराज भी। इस चुनाव में न केवल क्रॉस वोटिंग हुई बल्कि भितरघात का मामला भी सामने आया है। पार्टी के सीनियर नेताओं की तमाम कोशिश के बावजूद एक विधायक का वोट कैंसिल हो गया। इस पूरे घटनाक्रम में हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
बहरहाल, यह पूरा मामला दिल्ली दरबार तक पहुंच चुका है। आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी कांग्रेस वर्किंग कमेटी के स्पेशल आमंत्रित सदस्य सहित सभी पदों से हटा चुकी है। बताते हैं कि जिस विधायक का वोट कैंसिल हुआ है, उसकी रिपोर्ट भी पार्टी हाईकमान तक पहुंच चुकी है। हालांकि यह रिपोर्ट हरियाणा मामलों के प्रभारी की नहीं है। इस मामले में अभी पार्टी चुप्पी ही साधे रखेगी, लेकिन अगले कुछ दिनों में संबंधित विधायक पर भी कार्रवाई संभव है।
कैंसिल वोट के मामले में तीन-चार विधायकों की भूमिका संदिग्ध दिख रही है। प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल के अलावा विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चुनाव इंचार्ज भूपेश बघेल, चुनाव पर्यवेक्षक राजीव शुक्ला व उम्मीदवार अजय माकन को पता है कि किस विधायक का वोट कैंसिल हुआ है। सूत्रों का कहना है कि विवेक बंसल द्वारा संबंधित विधायक द्वारा बैलेट पेपर पर पार्टी उम्मीदवार के सामने नंबर डालने की बजाय टिक करने की सूचना पहले से थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि जिस समय संबंधित विधायक ने वोट डाला, उस समय बंसल पार्टी के अधिकृत एजेंट के तौर पर वहीं पोलिंग स्टेशन में बैठे थे। वोट डालने वाले सभी विधायकों ने उन्हें अपना वोट दिखाया भी था। कुलदीप ने भी अपना बैलेट पेपर बंसल को दिखाया था। कुलदीप ने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की बजाय निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट दिया। उन्होंने बैलेट पेपर में भी कार्तिकेय के नाम के सामने नंबर लिखा हुआ था। मतदान केंद्र में मौजूद सूत्रों के अनुसार, उस समय बंसल ने इस पर आपत्ति भी जताई थी। दूसरे दलों के नेताओं ने बंसल को ऐसा करने से रोका और नियमों का हवाला भी दिया।
आज सौंप सकते हैं रिपोर्ट
दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल सोमवार को पार्टी हाईकमान को अपनी अाधिकारिक रिपोर्ट सौंप सकते हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। इसमें कुलदीप बिश्नोई की ओर से क्रॉस वोटिंग करने के साथ उस विधायक का नाम भी नेतृत्व को बताया जा सकता है, जिसका वोट कैंसिल हुआ है।
दबाया जा सकता है मामला
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक वोट कैंसिल होने के मामले को दबाने की भी कोशिश हो सकती है। ऐसा भी संभव है कि इस मामले पर पर्दा डालने के लिए नेतृत्व को यह बताया ही न जाए कि किस विधायक का वोट रद्द हुआ है। हालांकि धड़ों में बंटी कांग्रेस में खबर दिल्ली तक न पहुंचे ऐसा संभव नहीं है। हरियाणा मामलों के प्रभारी की रिपोर्ट में अगर किसी भी वजह से नाम नहीं होता तो फिर उसे दूसरे ग्रुप की ओर से पार्टी हाईकमान को बताया जा सकता है।