दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 जून
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अब ब्यूरोक्रेसी को किसानों के बीच भेजेगी। जिलावार प्रशासनिक सचिवों को गांवों का दौरा कर प्रगतिशील किसानों से बातचीत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश मुख्यालय के आला आईएएस अफसर अपने-अपने अधीन वाले जिलों में स्थानीय प्रशासन के साथ भी बैठक करेंगे और किसानों से भी बातचीत करेंगे।
प्रगतिशील किसानों के माध्यम से वे आंदोलनकारी किसानों को भी समझाने की कोशिश करेंगे। लगातार तीन दिन जिलों में ये अधिकारी मैराथन बैठकें करेंगे। 7 से 9 जून तक होने वाली इन बैठकों के चलते ही कैबिनेट की मीटिंग भी आगे बढ़ाई गई है। पहले 8 जून को कैबिनेट मीटिंग होनी थी। अब यह 15 को होगी। माना जा रहा है कि दिल्ली बाॅर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सीएम मनोहर लाल खट्टर का फिर से नई दिल्ली का दौरा हो सकता है।
विगत दिवस ही सीएम ने नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी फोन पर बात कर चुके हैं। इस बीच, बृहस्पतिवार की रात सीएम आवास पर हुई कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में भी किसान आंदोलन को लेकर मंथन हुआ। बेशक, यह आंदोलन केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में हो रहा है और फैसला भी केंद्र के स्तर पर ही होना है। लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से हलचल बढ़ी है, उसे देखते हुए नये सिरे से संवाद शुरू होने के संकेत मिले हैं।
बैठक में मौजूद रहे सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में अनौपचारिक चर्चा के दौरान टोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र सिंह बबली के खिलाफ किसानों द्वारा किए गए विरोध व उनकी गाड़ी में की तोड़फोड़ को लेकर सरकार ने कड़ी नाराजगी जताई। बताते हैं कि इस तरह की भी चर्चा हुई कि आंदोलन की आड़ में इस तरह की हरकतें कर रहे कुछ लोगों को अगर रोका नहीं गया तो इससे सरकार के ‘कमजोर’ होने का संदेश जाएगा। ऐसे में बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में भाजपा-जजपा विधायकों का रास्ता रोकने वालों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़े।
बैठक में कोविड-19, ब्लैक फंगस के अलावा संक्रमण की तीसरी संभावित लहर को लेकर भी सीएम ने मंत्रियों के साथ मंत्रणा की। वर्तमान में हरियाणा के पास 80 हजार तक एक्टिव मरीजों का उपचार करने का प्रबंध है। बैठक में यह भी बात सामने आई कि अगर इससे अधिक मरीज होते हैं तो मुश्किल बढ़ सकती है। ऐसे में सभी मंत्रियों को कहा है कि वे लोगों को कोरोना गाइडलाइन को लेकर जागरूक करें ताकि संक्रमण रुक सके। वैक्सीनेशन को लेकर भी सीएम ने मंत्रियों को विस्तार से जानकारी दी।
फिर से फील्ड में उतरेंगे मंत्री
सीएम ने बैठक में सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे अब फील्ड में उतरें और लोगों के बीच जाएं। पिछले करीब तीन-चार महीनों से जिला परिवेदना समितियों की बैठक नहीं हो रही है। पहले आंदोलन कर रहे किसानों के चलते मंत्रियों ने जिलों में जाना छोड़ दिया था। बाद में कोरोना की दूसरी लहर के चलते बैठकों पर पाबंदी रही। आला आईएएस अधिकारियों की भी जिलावार ड्यूटी लगाई हुई है ताकि मंत्री की गैर-मौजूदगी या नहीं जाने की सूरत में वे ग्रीवेंस कमेटी की बैठक ले सकें।
वन महोत्सव को लेकर विशेष तैयारियां
मानसून में सरकार वन महोत्सव के जरिए पौधरोपण बढ़ाएगी। शामलात व पंचायती भूमि के अलावा सड़कों व नहरों के दोनों ओर पौधे रोपे जाएंगे। सड़कों के दोनों ओर किसानों की मंजूरी के बाद उनकी जमीन पर भी पौधरोपण होगा। इसके लिए सरकार ने पॉलिसी भी बनाई है। इसमें तय किया है कि पौधों के पेड़ बनने के बाद उन पर किसानों का भी मालिकाना हक होगा। इतना ही नहीं, किसान अपनी पसंद के पेड़ बेच सकेंगे। बाकी पेड़ों पर सरकार का अधिकार रहेगा।