उत्तराखंड आपदा में शहीद Agniveer समय सिंह का पार्थिव शरीर नूंह पहुंचा
Agniveer Martyr: उत्तराखंड के हर्षिल आर्मी कैंप में 5 अगस्त को बादल फटने की त्रासदी में लापता हुए अग्निवीर समय सिंह का पार्थिव शरीर करीब दो महीने बाद शनिवार को उनके पैतृक गांव कुर्थला (मेवात) पहुंचा। 19 वर्षीय समय सिंह...
Agniveer Martyr: उत्तराखंड के हर्षिल आर्मी कैंप में 5 अगस्त को बादल फटने की त्रासदी में लापता हुए अग्निवीर समय सिंह का पार्थिव शरीर करीब दो महीने बाद शनिवार को उनके पैतृक गांव कुर्थला (मेवात) पहुंचा। 19 वर्षीय समय सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया और पूरा इलाका शोक में डूब गया।
समय सिंह अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र और दो बहनों के सबसे छोटे भाई थे। उन्होंने अग्निवीर योजना के तहत 30 अक्टूबर 2024 को सेना ज्वाइन की थी। प्रशिक्षण के बाद वह जून 2025 में हर्षिल कैंप में तैनात हुए थे। 5 अगस्त को धराली-हर्षिल-सुक्की क्षेत्र में बादल फटने से आई बाढ़ में सेना के 8 से 10 जवान लापता हो गए थे, जिनमें समय सिंह भी शामिल थे।
सेना से सेवानिवृत्त पिता दलबीर सिंह ने बताया कि आखिरी बार बेटे से 4 अगस्त की शाम बात हुई थी। उन्होंने कहा, “बेटे को देश सेवा के लिए भेजा था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।”
गांव के लोग समय सिंह की शहादत पर गर्व कर रहे हैं। कुर्थला गांव का शौर्यपूर्ण इतिहास पहले भी देश की सेवा में समर्पित रहा है। इसी गांव की बहू लेफ्टिनेंट किरण शेखावत वर्ष 2015 में नौसेना के अभ्यास के दौरान शहीद हुई थीं।
शहीद समय सिंह का अंतिम संस्कार आज शाम गांव के शहीद किरण शेखावत पार्क में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। पार्क में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, जिला प्रशासन के अधिकारी, राजनेता और सैकड़ों ग्रामीण अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं।
बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी की इस आपदा में कम से कम 5 लोगों की मौत हुई थी और 50 से अधिक लापता हो गए थे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें लगातार सर्च अभियान में जुटी थीं, जिनके प्रयास से समय सिंह का पार्थिव शरीर बरामद हुआ।