हांसी, 14 जुलाई (निस)
शहर के बाजारों में सड़कों पर व सड़क किनारे दुकानदारों ने अतिक्रमण कर और खाली पडी जगहों पर जब चाहे सामान रखों, रेहड़ी लगाओं और दुकानदारी शुरू कर दो। सब नियम कायदे यहां कागजों में ही लागू होते है। नियम टूटते हैं तो सबसे ज्यादा दर्द झेलना पड़ता है, आम लोगों को। मार्केट में सड़क किनारे व बरामदों में जो आम लोगों का आवागमन के लिए रास्ता होता है वहां दुकानदारों का सामान सजा होता है। वहीं दुकान के समीप जहां लोगों के द्वारा आवागमन होता है तो वहां रेहड़ी-फडियां लगी होती है।सडको के किनारे पर रेहड़ी-फडियां लगने से बाजारों में जाम की स्थिति बन जाती है। जिम्मेदार अफसरों द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान भी चलता है लेकिन दुकानदार कुछ समय बाद ही फिर से अतिक्रमण करके कब्जा कर लेते है। कई जगह तो ऐसी है जहां लोगो ने सरकारी जमीनों पर कब्जा खत्म नहीं हो पा रहा है। हर महीने इसके लिए मीटिंग भी करते हैं लेकिन कब्जे ज्यों के त्यों बरकरार है। कई जगहों पर केवल गरीब लोगों को ही निशाना बनाया जाता है। रेहड़ी पर फल-सब्जी बेचने वालों के चालान कर दिए जाते हैं। सरकारी जमीन पर बनी झुग्गियों को हटा दिया जाता है, लकिन चंद घंटों बाद ही शहर में रेहड़ियां दोबारा लग जाती है। इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है। बरामदों में दुकानदारों ने कब्जे होने के कारण लोग खुले में बारिश में भीगते हुए मार्केट में जरूरी सामान की खरीददारी कर रहे हैं। पुराना बस स्टैंड, बडसी गेट, उमरा गेट, चौपटा बाजार, छाबड़ा चौक, पुरानी सब्जी मंडी ऐसी शहर में अनेको जगह है जहां दुकानदारों ने दुकान के बाहर अपना सामान सजा रखा है।