राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 23 मार्च
दमादम मस्त कलंदर… अली दमदम दे अंदर.. मस्त कव्वाली गाकर शफी सोपोरी ने कश्मीर की काबिलियत को जाहिर किया अौर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनके मोहब्बत भरे शब्दों ने सूफियाना गायकी में नफासत भर दी। मंच के उद् घोषक जैनेंद्र सिंह ने बताया कि किस प्रकार से एक कठिन संघर्ष करते हुए शफी सोपोरी ने कामयाबी की मंजिल हासिल की। शफी ने सबसे पहले आंख उठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली… कव्वाली को अपने निराले अंदाज में सुनाया। उसके बाद उन्होंने छाप तिलक सब छीनी रे… से महफिल में चार चांद लगा दिए। शफी सोपोरी से पहले जम्मू की सोनाली डोगरा ने पहाड़ी जीवनशैली के खान-पान पर आधारित लोकगीत ठंडा पाणी पीते, पहाडियां, लोग मधुर आवाज में प्रस्तुत किया। दम गुटकुंदम गुटकुं कर सांई असा कलमा नबी दा पढ़ सांई कलाम को बाखूबी पेश किया। उनके हरियाणवी गीत तेरी आंखा का यो काजल सुनकर तो युवक-युवतियों ने नाचना शुरू कर दिया।
राजस्थानी कच्ची घोड़ी नृत्य…
ढोल, नगाड़े, बीन, बैगपाइपर, सारंगी, डेरूवादक तथा कच्ची घोडी के कलाकार भी दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर रहे हैं। राजस्थान के बूंदी जिला की हरी शंकर नागर की 10 सदस्यीय कच्ची घोडी पार्टी के नृत्य पर पर्यटक बरबस ही थिरकते देखे जा सकते हैं। कच्ची घोडी पार्टी द्वारा वीर तेजाजी महाराज पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया जाता है।
चिड़िया के घौसले आकर्षण…
कभी गांव के बाहर जंगलों में कहीं सडक़ के किनारे पेड़ों पर खेतों में कुएं के आस-पास लगे पेड़ों के झुरमुट पर लटके मिलने वाले बैंया पक्षी के घौसले बेशक आज कम दिखाई देते हैं लेकिन मेले में आजकल इनकी बहार है। घरों के बाहर पेड़ों पर लटकाने के लिए यह घोसले नारियल के रेशों से बनाए गए है। ऐसी चीजों के साथ आजादी का अमृत महोत्सव के तहत नाबार्ड हरियाणा द्वारा मेले में शिव शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह की तरफ से 723 नम्बर स्टाल लगाया गया है।
गोहाना के देशी घी के जलेब…
मेले में पर्यटक विभिन्न प्रदेशों के लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं। इनमें गोहाना के प्रसिद्ध देसी घी के जलेब, दिल्ली की चाट, पकोड़े का सूप, पावभाजी, भेलपूरी आदि शामिल हैं।
पुडुचेरी का दिव्यांग दंपति बना मिसाल
मेला परिसर में स्टॉल संख्या-1016 पर पुडुचेरी का दिव्यांग दंपति अयप्पन तथा राधिका ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं, जो दिव्यांग होने की वजह से जीवन में हार मान चुके हैं। अयप्पन व राधिका नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन की मदद से लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग के तहत आभूषण तथा अगरबत्ती, चमडे का सामान तैयार करके दूसरे लोगों के लिए एक मिसाल बने हुए हैं।