नारनौल, 11 फरवरी (हप्र)
नारनौल स्थित नसीबपुर जेल में एक लाख रुपए के रिश्वत कांड व कैदी को डरा धमका कर वसूली के आरोपी व फरार चल रहे जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा व उप अधीक्षक कुलदीप हुड्डा को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर न्यायाधीश ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि बीती 9 दिसंबर को स्टेट विजिलेंस की टीम ने नसीबपुर जेल के वार्डर राजन को एक कैदी के भाई से चक्की से बाहर निकालने के नाम पर एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों जेल परिसर से ही गिरफ्तार था। राजन से पूछताछ के बाद जेल के एक अन्य वार्डर गजे सिंह को गिरफ्तार किया गया। जेल में कैंटीन चलाने वाले वार्डर विवेक के सरकारी गवाह बनने के बाद मामला हाई प्रोफाइल हो गया। इसमें जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा व उप अधीक्षक कुलदीप हुड्डा का नाम भी रिश्वत लेने में सामने आया। उप अधीक्षक कुलदीप हुड्डा को तो एफआईआर में भी नामजद किया गया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी रिश्वत कांड की असली परतें उठ गई। इस पर अधीक्षक अनिल कुमार व उप अधीक्षक कुलदीप हुड्डा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए नारनौल कोर्ट में अग्रिम जमानत लगाई, जो खारिज हो गई। उसके बाद जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा व उप अधीक्षक कुलदीप हुड्डा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। जिस पर यह पांचवीं सुनवाई थी। इस तारीख पर न्यायाधीश अवनीश झिंगन ने इस मामले पर सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को अन्य बेंच पर भेजने को कहा।