पानीपत, 29 अप्रैल (निस)
पानीपत में गर्मी के चलते मांग बढ़ने से जिले में बिजली संकट गहरा गया है। रोजाना लगने वाले कटों से ग्रामीणों, शहर वासियों व इंडस्ट्री संचालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
टेक्सटाइल नगरी की इंडस्ट्री को बिजली कटों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। घरेलू कारोबारियों व निर्यातकों पर बिजली कट भारी पड़ रहे हैं। पानीपत के बड़े उद्योगपतियों की 3 शिफ्टों में चलने वाली फैक्टरियां अब 2 शिफ्टों में भी पूरी नहीं चल पा रही हैं। डीजल के रेट बढ़ने से जनरेटर की बिजली उद्योगपतियों को सामान्य बिजली के मुकाबले करीब तीन गुणा ज्यादा महंगी पड़ रही है। इसलिये ज्यादातर उद्योगपतियों ने जनरेटर चलाने की बजाय अपने उत्पादन को ही कम कर दिया है।
निर्यातकों में असमंजस
पानीपत के जिन निर्यातकों ने विदेशी खरीदारों को समय पर माल देना है उनके लिये असमंजस की स्थिति बन चुकी है। निर्यातक यदि समय पर टेक्सटाइल उत्पाद तैयार करने के लिये जनरेटर चलाते हैं तो उस मॉल की लागत ज्यादा आती है और जनेरटर नहीं चलाते तो समय पर मॉल तैयार नहीं होगा। माल समय पर विदेश नहीं जाने से पानीपत के निर्यातकों की जहां साख पर असर पड़ेगा वहीं खरीदार उन पर चार्जिज लगा सकता है।
बिजली की कमी से होगा भारी नुकसान
हरियाणा व्यापार मंडल के युवा प्रदेशाध्यक्ष एवं उद्यमी राकेश चुघ ने कहा कि बिजली कटों से पानीपत की इंडस्ट्री को भारी नुकसान होगा। बिजली के मुकाबले जनरेटर तो तीन गुणा महंगा पड़ता है और उसके चलाने से उद्योगपतियों को घाटा होता है। उन्होंने कहा कि एक तो बिजली के रेट पहले ही ज्यादा है और फिर यहां के उद्योगपतियों की चीन से प्रतिस्पर्धा है। वहीं कोयला आधारित बॉयलर उद्योग पर पहले ही बंद करने की तलवार उद्योगपतियों पर लटक रही है। उन्होंने कहा कि पानीपत की इंडस्ट्री को बचाने के लिये सरकार को पर्याप्त बिजली का इंतजाम करना चाहिये।
सरकारी हिदायतों के अनुसार आपूर्ति
बिजली निगम के एसई एसएस ढूल ने बताया कि भारी गर्मी के चलते बिजली की डिमांड पानीपत में बहुत बढ़ी है। हमें जो बिजली मिल रही है और उसको उपभोक्ताओं को इस तरह से दे रहे हैं ताकि किसी को भी ज्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े। सरकार की हिदायतों के अनुसार जिला में ग्रामीण क्षेत्र में 4 घंटे, शहरी क्षेत्र में साढ़े 6 घंटे और इंडस्ट्री पर 8 घंटे का कट लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री वालों को बिजली कट को लेकर लगातार मैसेज से सूचना दी जा रही है।
समय पर निर्यात का माल देना जरूरी: जितेंद्र मलिक
पानीपत के प्रमुख कारपेट निर्यातक जितेंद्र मलिक और हरियाणा कारपेट एसोसिएशन के सचिव एवं निर्यातक अनिल मित्तल ने बताया कि बॉयरों को समय पर माल देना जरूरी होता है। यदि समय पर माल नहीं दिया तो वे ऑर्डर भी कैंसल कर सकते हैं और चार्जिज भी लगा सकते हैं।
70 हजार करोड़ का घरेलू कारोबार
पानीपत में करीब 20 हजार फैक्टरियां है और इनमें करीब 5 लाख श्रमिक काम करते हैं। पानीपत से करीब 70 हजार करोड़ रुपए का टेक्सटाइल उत्पादों का घरेलू कारोबार है और यहां से पूरे देश में परदे व सोफे का कपड़ा, कुसन, टावल, बैडशीट, कंबल व दरी आदि जाते हैं।