महावीर गोयल/वाप्र
पानीपत, 26 मार्च
टेक्सटाइल औद्योगिक नगरी पानीपत ने मंदी की धारणा को तोड़ते हुए अब तक 1438 करोड़ रुपये एसजीएसटी जमा करवाया है। इसके साथ ही इस शहर से पेट्रोल-डीजल शराब से 4507 करोड़ का वैट मिल चुका है। अप्रैल से लेकर अब तक यह डाटा विभाग ने उपलब्ध करवाया है। उप आबकारी कराधान आयुक्त पुनीत शर्मा का कहना है कि मार्च के क्लोजिंग के पूरी होने के बाद अप्रैल, 24 में यह आंकड़ा और अधिक बढ़ेगा है। सेंट्रल जीएसटी का आकंड़ा अलग से है। पानीपत में रिफाइनरी से सबसे अधिक राजस्व मिलता रहा है, लेकिन रिफाइनरी प्लांट एक्सटेंशन में है। अगले 20 वर्षों तक नये-नये प्रोजेक्ट यहां आ रहे हैं। रिफाइनरी पेट्रो हब के विस्तार होने के कारण विस्तार पर प्लांट में जो निवेश होता है, उसे काटकर ही एसजीएसटी जमा होता है। एक्सटेंशन पूरा होने के बाद कई गुणा राजस्व बढ़ जाएगा।
एकमुश्त सेटलमेंट योजना में िमला 2.52 करोड़
इन दिनों स्टेट जीएसटी की एकमुश्त सेटलमेंट योजना चल रही है। है। यह योजना 31 मार्च तक चलेगी। योजना के तहत पैनल्टी और ब्याज बकाया राशी पर माफ किया जा रहा। इस योजना के तहत अब तक 2.52 करोड़ सेटलमेंट में सरकार को मिल चुके हैं। 450 एप्लीकेशन विभाग को मिली है। करीब 7.25 करोड़ के मामले इन एप्लीकेशन के माध्यम से सेटल होंगे। अधिकारियों का कहना कि जिस करदाता की और बकाया है, उसे इस योजना का लाभ लेना चाहिए। योजना की तारीख आगे बढ़ाई नहीं जाएगी। योजना के तहत जुर्माना राशि एवं ब्याज राशि की पूर्ण छूट दी जा रही है। यदि विवादित कर की राशि 50 लाख के बराबर या उससे कम है तो विवादित कर का 30 प्रतिशत तथा अन्य सभी मामलों में विवादित कर का 50 प्रतिशत भुगतान ही करना होगा। योजना में भुगतान किस्तों में भी किया जा सकता है। पानीपत में एक जनवरी से लेकर अब 450 कारोबारियों ने योजना में आवेदन दिया है।
टैक्स देने में अव्वल, विकास में पिछड़ा
पानीपत प्रदेश में टैक्स अदा करने में दूसरे नंबर पर चल रहा है, लेकिन विकास के मामले में पिछड़ रहा है। जिन औद्योगिक क्षेत्रों से टैक्स अधिक मिल रहा है। वहां की सड़कों में दो-दो फीट तक के गड्ढे बने हुए हैं। सेक्टरों आने-जाने वाले माल ढोने वाले वाहन अकसर पलटते हैं, जिससे नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभी तक यहां आधुनिक फायर ब्रिगेड की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे हर वर्ष करोड़ों का माल जल जाता है। पिछले एक साल में 10 से अधिक उद्योगों में आग लगने से 200 करोड़ से अधिक का नुकसान यहां के उद्यमी उठा चुके हैं। इन उद्योगों में ज्यादातर पोलिस्टर फैब्रिक्स के उद्योग शामिल रहे।