फरीदाबाद, 7 दिसंबर (हप्र)
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सोमवार को निकिता के पिता मूलचंद तोमर सहित 3 की गवाही हुई। निकिता के पिता ने अदालत को बताया कि वारदात के दिन वे नोएडा में ड्यूटी पर थे। निकिता की सहेली ने फोन करके उन्हें घटना की जानकारी दी। वे तुरंत घर के लिए निकल पड़े। रास्ते में एक रिश्तेदार की भी काॅल आई। वे सीधे बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल पहुंचे। वहां उन्हें पता चला कि निकिता की मौत हो चुकी है। मूलचंद तोमर ने अदालत को साल 2018 में तौशीफ द्वारा निकिता का अपहरण करने की जानकारी भी दी। साथ ही बताया कि तौशीफ तभी से निकिता पर नजर रखे हुए था और मौका पाकर उसने हत्या कर दी। बचाव पक्ष की तरफ से एडवोकेट पीएल गोयल ने उनके बयान पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने अदालत से कहा कि यह अजीब बात है कि मूलचंद तोमर को घटना की जानकारी देने के लिए उनके बेटे या परिवार के अन्य सदस्य ने काल नहीं की। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने वाले प्रदीप सैनी की गवाही हुई। उसने अदालत को बताया कि वारदात के बाद करीब 8 बजे उसने सीसीटीवी फुटेज डाउनलोड कर पुलिस को दी थी। अदालत में उसके सामने वारदात की सीसीटीवी फुटेज चलाई। उसने माना कि यह वही फुटेज है, जो पुलिस को सौंपी थी। तीसरी गवाही आकाश भाटिया नाम के युवक की हुई। आकाश ने बताया कि निकिता को गोली लगने के बाद वह उसे मोटरसाइकिल पर अस्पताल लेकर गया था। रास्ते में उसे निकिता का भाई कार लेकर मिल गया। उसने निकिता को उसकी कार में बैठा दिया। निकिता पक्ष के वकील एदल सिंह रावत ने कहा कि सभी ने बिल्कुल सटीक गवाही अदालत के सामने दी। उन्होंने सोमवार की कार्रवाई पर संतुष्टि जताई।