विजय शर्मा/हप्र
करनाल, 16 मार्च
करनाल रिश्वतकांड में रोज नये खुलासे हो रहे हैं। विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार तहसीलदार के पास से भी करोड़ों की संपत्ति मिली है। अदालत ने बुधवार को फिर से तहसीलदार का पुलिस रिमांड 5 दिन आगे बढ़ा दिया है। इस बीच नगर निगम के एसई के खिलाफ एडीसी द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि निगम में बड़े पैमाने पर रिश्वत का लेनदेन चल रहा था। दो दिन पहले गिरफ्तार तहसीलदार राजबक्श को अदालत ने मंगलवार को एक दिन के रिमांड पर भेजा था। विजीलेंस ने बुधवार को राजबक्श को अदालत में पेश किया। इस दौरान अदालत को बताया गया कि तहसीलदार की हरियाणा में कई जगह जमीनें और मकान हैं। 40 लाख का कैश है और फरीदाबाद की जमीन के कागज उन्होंने अपने एक दोस्त के घर रखे हुए हैं। इस दौरान जेड ब्लैक नाम की जगह का जिक्र भी आया जहां उनकी करोड़ों की जमीन है।
बताया गया है कि विजिलेंस द्वारा अब तक कई गई पूछताछ में तहसीलदार के सहयोगी 15 डीड राइटर्स और एक क्लर्क का नाम भी उजागर हुआ है जो तहसीलदार के लिए लेनदेन के काम करता था। आधे घंटे तक चली बहस के बाद अदालत ने 5 दिन का रिमांड बढ़ा दिया।
कार्यालय में एसई का पीए लेता था रिश्वत
करनाल नगर निगम के रिश्वतकांड में एसई दीपक किंगर के खिलाफ दी गई रिपोर्ट में गंभीर खुलासे हुए हैं। एसई दीपक किंगर के कार्यालय में ही उनका पीए विकास शर्मा ठेकदारों और अभियंताओं से रिश्वत लेता था। जांच के दौरान एडीसी योगेश कुमार के समक्ष धनराशि के लेनदेन के 32 वीडियो आये, जिनकी अवधि 6 से 9 मिनट हैं। यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे और तत्कालीन उपायुक्त ने इसकी जांच एडीसी को सौंपी थी। एडीसी योगेश कुमार ने बुधवार को बताया कि जांच के दौरान वीडियो में धन का लेनदेन करते दिखाई दे रहे सभी लोगों को जांच में बुलाया गया और सभी ने कहा कि यह उनका पर्सनल ट्रांजेक्शन था। उन्होंने कहा कि अगर पर्सनल ट्रांजेक्शन था तो फिर एसई दीपक किंगर के कार्यालय में ही रोज रोज क्यों हो रहा था। जांच रिपेार्ट में उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है जो एसई दीपक किंगर के कार्यालय में उनके पीए के साथ धन का लेनदेन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। एडीसी योगेश कुमार के अनुसार वीडियो की फारेंसिक जांच अभी नहीं हुई। लेकिन प्रारम्भिक जांच से साफ है कि एसई दीपक किंगर और उनके पीए व वीडियों में नजर आ रहे लोग भ्रष्टाचार में लिप्त थे।