तरुण जैन/निस
रेवाड़ी, 2 दिसंबर
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम जिला रेवाड़ी के निकटवर्ती अटेली क्षेत्र के गांव नावदी-रामपुरा में पिछले 15 दिनों से खनिजों की संभावना तलाशने के लिए सर्वे कर रही है। लखनऊ से आई टीम अपने विभिन्न यंत्रों के साथ इन गांवों की पहाड़ी के साथ लगते खेतों में चुंबकीय धातु से जांच में जुटी हुई है। यह टीम सर्वेक्षण की अपनी रिपोर्ट लखनऊ स्थित कार्यालय में प्रस्तुत करेगी। टीम उक्त दोनों गांव के साथ सटे राजस्थान के गांव खूंदरोठ में सर्वे का काम कर रही है। गांव नावदी के निवर्तमान पंच अशोक कुमार ने बताया कि उनके गांव में पिछले 15 दिनों से भारतीय सर्वेक्षण की टीम खनिजों के लिए सर्वेक्षण कर रही है। टीम में शामिल 5 सदस्य सायं 5 बजे तक सर्वेक्षण कर डाटा एकत्रित करते हैं।
पूर्व पंच ने कहा कि उनके क्षेत्र में 1880-90 के दशक में रामपुरा की पहाड़ियों में तांबा निकलता था। ऐसा लग रहा है कि उसी को आधार मानकर उक्त टीम काम कर रही है। हरियाणा का क्षेत्र लखनऊ जोन में आता है, वहीं राजस्थान दूसरे जोन में है। निकटवर्ती गांव होने के कारण विभाग ने इस क्षेत्र की भी अनुमति ली हुई है। तत्कालीन नाभा स्टेट के राजा हीरा सिंह के समय में यहां तांबे की खोदाई होती थी। लेकिन खर्च ज्यादा आने की वजह से राजा ने इसे बंद करा दिया था। पुराने बुजुर्ग बताते हैं कि तांबे को गलाने के लिए पेड़ों की बड़ी संख्या में कटाई होती थी। उस समय अंगीठी पर तांबा तपाकर पिंघलाया जाता था। ग्रामीणों ने गांव के उजड़ने के भय से उस समय के स्थानीय वजीर आदि से संपर्क कर खनन का काम बंद करा दिया था। यदि यहां भू-गर्भ में तांबा मिलने के संकेत मिले तो यह क्षेत्र सरकार के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाएगा। सर्वेक्षण टीम में शामिल सदस्यों ने बताया कि यहां डेढ़ दो माह तक सर्वे करने के बाद नांगल चौधरी क्षेत्र में भी यह टीम अपना कार्य करेगी।