कैथल, 7 जुलाई (हप्र)
मुख्यमंत्री सम्मान शिक्षा राहत सहायता एवं अनुदान स्कीम को रद्द करवाने के लिए शिक्षक तालमेल कमेटी ने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान अध्यापकों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान विजेंद्र मोर, शारीरिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान रमेश चहल, सुरेश द्रविड़ जिला प्रधान राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जितेंद्र बनवाला जिला प्रधान हसला, बलजीत गोपेरा जिला प्रधान हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन ने बताया कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए स्कीम के तहत सरकारी स्कूलों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के दूसरी से 12वीं कक्षाओं के बच्चों के दाखिले निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में करने का कार्यक्रम तय किया है जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि यह योजना सरकारी स्कूलों को कमजोर करने की योजना है।
इस अवसर पर सतबीर गोयत, रामपाल शर्मा, कंवलजीत सिंह, बलबीर सिंह, ईश्वर ढांडा ने कहा कि सरकार को सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाना चाहिये और अध्यापकों के रिक्त पड़े 50,000 पदों को भरना चाहिये और एचटीईटी पास युवक-युवतियों को नियुक्ति देनी चाहिये।
एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा सांस्कृतिक मॉडल स्कूलों में दाखिला फीस लगाकर सरकार ने जनता पर आर्थिक बोझ डाल दिया है, जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। यदि सरकार अध्यापक और शिक्षा विरोधी फैसले वापस नहीं लेती है तो शिक्षक तालमेल कमेटी आंदोलन चलाएगी।
इस अवसर पर शिक्षकों के सभी संगठनों के जिला एवं ब्लॉक कार्यकारिणी के सदस्य संगीता, भारती, घनश्याम, शमशेर कालिया, राजेश बेनीवाल, टिप्पू सावंरिया, दल सिंह, सरदूल सिंह ,कृष्ण आर्य सतपाल पांचाल, गोपाल, नरमैल सिंह,पवन डीपी, संजय मालिक, गुरमेल सैनी, रजत मोर, सुभाष शास्त्री, सुरेश राविश, सुरेश राणा समेत कई अध्यापक उपस्थित रहे।
इस अवसर पर रामपाल शर्मा ने बताया कि ज्ञापन लेने के लिए न आने पर अध्यापकों ने लघु सचिवालय के अंदर जाने का प्रयास किया था। यहां पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने अध्यापकों को रोकने का प्रयास किया। पुलिस प्रशासन का तानाशाही रवैया देखकर अध्यापकों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि आगे रणनीति बनाकर पूरी तैयारी के साथ तालमेल कमेटी हजारों अध्यापकों को साथ लेकर दोबारा से चिराग योजना को रद्द करवाने के लिए मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन करेगी।