चंडीगढ़, 14 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
संवैधानिक मूल्यों, कानून एवं विधि का ज्ञान होने से ही युवा अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति और सजग होंगे, इसलिए शिक्षकों को चाहिए कि वे विद्यार्थियों को गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ संविधान एवं नैतिक मूल्यों से अवगत करवाएं। यह बात राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में डॉ़ अम्बेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत की कुलपति डॉ़ विनय कपूर मेहरा से बात में कही।
डॉ़ मेहरा ने राजभवन में राज्यपाल से शिष्टाचार मुलाकात की और विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया। राज्यपाल ने कहा कि आज युवाओं को अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। नागरिकों को अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान होने से एक आदर्श समाज की स्थापना होगी और समाज अपराध मुक्त होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी संवैधानिक एवं नैतिक मूल्यों पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि कानूनी शिक्षा के संदर्भ में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि भारत में कानूनी शिक्षा को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने, सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और न्याय की व्यापक पहुंच और समय पर वितरण के लिए नयी तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है। कुलपति ने बताया कि वे विश्वविद्यालय में बेहतर शैक्षणिक वातावरण स्थापित करने व विधि की शिक्षा में विश्व स्तरीय शिक्षा देने के लिए कृतसंकल्प हैं। इसके लिए 7 विश्वविद्यालयों के साथ शोध गतिविधियां बढ़ाने के लिए एमओयू भी साइन किए हैं।