हरियाणा में मेरिट के आधार पर स्कूल चुन सकेंगे शिक्षक
हरियाणा सरकार ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। पिछले नौ वर्षों में तीसरी बार शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल...
हरियाणा सरकार ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। पिछले नौ वर्षों में तीसरी बार शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल बैठक के बाद शिक्षा विभाग ने नयी ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी-2025 की अधिसूचना जारी कर दी है।
इस बदलाव के साथ अब हरियाणा में शिक्षक अपनी पसंद का स्कूल चुन सकेंगे और पूरी प्रक्रिया अंकों की मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से होगी। नयी पॉलिसी के लागू होने से राज्य में जल्द ही बड़े पैमाने पर ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। सरकार का दावा है कि नयी नीति शिक्षकों की सुविधा, पारदर्शिता और बैलेंस्ड स्टाफिंग को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
नयी पॉलिसी में पहली बार शिक्षकों को तबादले के लिए किसी जोन का चुनाव करने की आवश्यकता नहीं होगी। एक दशक से चली आ रही जोन प्रणाली को समाप्त करते हुए सरकार ने सीधा स्कूल चयन की सुविधा उपलब्ध करवाई है।
पति-पत्नी शिक्षक जोड़ों के लिए नियम बदले
मौजूदा नीति में पति-पत्नी को अतिरिक्त अंक नहीं मिलेंगे। सिर्फ पोस्टिंग में दूरी कम करने के लिए 5 अंक दिए जाएंगे। जिन शिक्षकों पर विभागीय जांच, चार्जशीट या मुकदमे दर्ज हैं, उनके 10 अंक काटे जाएंगे।
जल्द शुरू होगी प्रक्रिया
नीति की अधिसूचना जारी होने के बाद अब सॉफ्टवेयर अपडेशन और तकनीकी तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। अब नजरें इस बात पर होंगी कि नीति कितनी सुचारू और निष्पक्ष तरीके से जमीन पर
उतरती है।
80 अंकों पर दारोमदार
नयी नीति में कुल 80 अंकों का मूल्यांकन होगा। इसमें सबसे बड़ा महत्व उम्र को दिया गया है। 60 अंक सिर्फ उम्र पर आधारित होंगे। उम्रदराज शिक्षकों को प्राथमिकता देकर उन्हें घर के पास तैनाती देने का उद्देश्य बताया जा रहा है। बाकी 20 अंक सामाजिक और विशेष परिस्थितियों के आधार पर दिए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं, महिला एवं महिला मुखिया परिवार, विधवा या विधुर शिक्षक, दिव्यांग, गंभीर बीमारी और बेहतर शैक्षणिक उपलब्धियां और परिणाम।

