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'शिक्षक समाज की नींव, कक्षा तक सीमित न रहें'

यमुनानगर, 28 जून (हप्र) न्यू हैप्पी पब्लिक स्कूल, यमुनानगर में शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था 'छात्रों के प्रति शिक्षकों की भूमिकाएं एवं उत्तरदायित्व'। इस संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी भूमिका की...
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यमुनानगर, 28 जून (हप्र)

न्यू हैप्पी पब्लिक स्कूल, यमुनानगर में शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था 'छात्रों के प्रति शिक्षकों की भूमिकाएं एवं उत्तरदायित्व'। इस संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी भूमिका की गहराई और शिक्षा से जुड़े नैतिक, सामाजिक एवं भावनात्मक पक्षों की समझ देना था। इस अवसर पर सुरेश पाल पूर्व प्राचार्य, राजकीय विद्यालय भम्बोल एवं अध्यक्ष, पंचनद शोध संस्थान, यमुनानगर ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने एक शिक्षक की भूमिका को केवल पढ़ाने तक सीमित न मानकर, उसे एक मार्गदर्शक, प्रेरक और संरक्षक के रूप में परिभाषित किया।

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उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं और उन्हें मूल्य आधारित शिक्षा देनी चाहिए।संगोष्ठी के दूसरे मुख्य वक्ता हेमंत मिश्रा सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, सामाजिक कार्य विभाग, गुरु नानक खालसा कॉलेज, यमुनानगर एवं सचिव, पंचनद शोध संस्थान रहे। उन्होंने शिक्षा में सामाजिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि एक शिक्षक न केवल ज्ञान का स्रोत होता है, बल्कि समाज निर्माण की नींव भी वही रखता है। विद्यालय की प्राचार्य डॉ. बिंदु शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि आज के समय में जब शिक्षा प्रणाली तेजी से बदल रही है, शिक्षकों को केवल विषय विशेषज्ञ ही नहीं, एक संवेदनशील मार्गदर्शक बनना होगा।

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