पीपीपी आईडी के बिना ड्रॉपआउट के दाखिले नहीं कर रहे अध्यापक
चंडीगढ़, 11 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार द्वारा ड्राप आउट विद्यार्थियों को दोबारा स्कूलों में दाखिला करवाने की योजना में कई अध्यापक ही अड़ंगा बन गए हैं। प्रदेश के बहुत से स्कूलों में अध्यापकों द्वारा परिवार पहचान पत्र के अभाव में ड्राप आउट का दाखिला नहीं किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग ने ड्राप आउट चुनौती से निपटने के लिए प्राइवेट स्कूलों की तर्ज दाखिला ग्राफ बढ़ाने की रणनीति तैयार की। दिसंबर 2024 में ड्राप आउट सर्वे की रिपोर्ट शिक्षकों के साथ साझा की गई, ताकि स्कूल छोड़ चुके बच्चों को दोबारा पाठशाला की दहलीज तक लाया जाए। मगर शिक्षकों ने दाखिला बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, बल्कि उल्टा दस्तावेज पूरा न करने वाले छात्रों को दाखिला देने से इनकार कर दिया।
शिक्षकों की कार्यशैली पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी व्यक्त करते हुए ऑफलाइन दाखिला करने के निर्देश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ प्रवेश उत्सव की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान कई खामियां सामने आई। इनमें शिक्षकों द्वारा दिए दाखिला टारगेट को पूरा न करना और झुग्गी-बस्ती और ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को दस्तावेज के अभाव में दाखिला देने मना करना शामिल हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाते हुए स्पष्ट किया कि जिन बच्चों के पास दस्तावेजों की अनुपलब्धता नहीं हैं, उन्हें दाखिले से वंचित नहीं किया जा सकता है। अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने अधीनस्थ स्कूल प्रमुखों को हिदायत दी जाए कि प्रवेश उत्सव के दौरान दस्तावेजों की कमी के कारण किसी भी बच्चे को प्रवेश से वंचित न किया जाए या प्रवेश से वंचित न किया जाए।