कुरुक्षेत्र, 17 मार्च (हप्र)
राजकीय शिक्षक तालमेल कमेटी के अंतर्गत सभी शिक्षक संगठनों ने पीपीपी आर्थिक सर्वेक्षण में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर विरोध जताया व जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण एक साल बाद स्कूल अभी-अभी खुले हैं। बच्चों की वार्षिक परीक्षा नजदीक होने के कारण पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ेगा। आरटीई की धारा 24 व 27 के अनुसार शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता। पीपी सर्वे में आय को प्रमाणित करने का कार्य शिक्षकों से संबंधित न होकर राजस्व विभाग से संबंधित हैं। संगठनों में, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ कुरूक्षेत्र, अध्यापक संघ, मौलिक अध्यापक संघ, सर्व कर्मचारी संघ, हसला शामिल रहे। हसला प्रधान बलराम शर्मा, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ कुरूक्षेत्र जिला प्रधान राजेंद्र टंडन, सचिव संदीप चैहान, सर्व कर्मचारी संघ प्रधान सतबीर नरवाल, रामेश्वर शामिल रहे।
गैर शैक्षणिक कार्य कराने का विरोध
कैथल (हप्र) : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की बैठक जिला प्रधान विजेन्द्र मोर की अध्यक्षता में जवाहर पार्क में संपन्न हुई। इस अवसर पर रामपाल शर्मा व जिला कैशियर तरसेम सिंह ने कहा कि सरकार निजीकरण करने पर आमादा है। इसी कड़ी में एक और तुगलकी फरमान जारी करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार 1057 स्कूलों को कम संख्या के नाम पर बंद करने की तैयारी कर ली है जिससे अध्यापकों के 2234 पद, क्लर्क के 314 पद, एक हजार से अधिक मिड डे मील वर्करों के पद समाप्त हो जाएंगे। इससे हजारों टीचर्स और क्लर्क जहां सरप्लस हो जाएंगे वहीं हजारों मिड डे मील वर्कर बेरोजगार हो जाएंगी। बच्चों की संख्या कैसे बढ़ेगी जब अध्यापकों की गैर शैक्षणिक कार्य के लिए ड्यूटी लगाई जा रही है जोकि सरासर गलत है।