दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 जुलाई
राज्यसभा चुनाव में भाजपा-जजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा से शिकस्त खाने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन ने सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने चुनाव नतीजों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कार्तिकेय शर्मा को मिले वोट में से एक वोट रिजेक्ट होना चाहिए था, लेकिन इसे वैलिड माना गया। इस वजह से ही चुनाव नतीजे प्रभावित हुए। यहां बता दें कि हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए 10 जून को मतदान हुआ था।
वहीं दूसरी ओर, माकन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी का वोट रद्द हुआ था। उन्होंने वोट पर एक नंबर डालने की बजाय टिक मार्क कर दिया था। इतना ही नहीं, माकन ने हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। चुनाव नतीजों के 45 दिन के भीतर इन्हें कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। माकन यह अवधि पूरी होने के सप्ताहभर पहले ही हाईकोर्ट पहुंचे हैं।
इधर, अजय माकन द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए किरण ने दो-टूक कहा है कि कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी के लिए उन्हें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
बहरहाल, हाईकोर्ट में दायर याचिका में माकन ने कहा कि निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा को मिला एक वोट रिजेक्ट होना चाहिए था। उनका कहना है कि मतगणना के दौरान भी कांग्रेस के अधिकृत चुनाव एजेंटों की ओर से इसके लिए आवाज उठाई गई थी। इतना ही नहीं, निर्वाचन अधिकारी को लिखित में भी दिया गया था। माकन के अनुसार, एक विधायक ने कार्तिकेय को वोट तो दिया लेकिन बैलेट पेपर में नंबर गलत खाने में लिखा था। नियमों के अनुसार, नंबर डालने के लिए तय खाने में ही नंबर लिखा जा सकता है। उससे बाहर या कहीं और लिखने पर वोट रद्द होता है।
मेरी सहानुभूति माकन के साथ : किरण
अजय माकन के आरोपों पर किरण ने कहा, ‘मैं समझ सकती हूं कि माकन जी कई चुनाव हार चुके हैं। मेरी सहानुभूति उनके साथ है। रही बात कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी की तो उसका सर्टिफिकेट मुझे किसी से नहीं चाहिए। मेरी नेता सोनिया गांधी सब जानती हैं’। इस मामले में कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
‘किरण का वोट हुआ रद्द’
कांग्रेस के एक विधायक का वोट रद्द होने से जुड़े सवाल पर माकन ने मीडिया के सामने स्पष्ट तौर पर कहा कि किरण चौधरी का वोट रद्द हुआ है। उन्होंने कहा, ‘किरण ने वोट डालने के बाद खुद ही बाहर आकर कहा था कि वे टिक करके आई हैं। गिनती के दौरान जब वोट रद्द हुआ और बैलेट नंबर मिलाया गया तो वह किरण चौधरी का ही था’। माकन ने हरियाणा मामलों के प्रभारी व चुनाव में पार्टी के अधिकृत एजेंट विवेक बंसल की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे पहले बता देते तो केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने दाखिल याचिका में हम भी भाजपा की तरह ही चुनाव रद्द करवाने की मांग करते। किरण चौधरी व विवेक बंसल ने यह जान-बूझकर किया है या फिर गलती से, इसका उन्हें जवाब देना होगा।
दोनों में रहा है छत्तीस का आंकड़ा अजय माकन और किरण चौधरी के बीच पहले भी छत्तीस का आंकड़ा रहा है। किरण जब दिल्ली की राजनीति करती थीं और वे दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष थीं, उस समय भी अजय माकन के साथ उनका टकराव था। अजय माकन भी दिल्ली की राजनीति में सक्रिय थे।