सज़ा दर 61.5% से भी ऊपर ले जाने का लक्ष्य
हरियाणा में अब दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और नशा तस्करी जैसे संगीन जुर्म करने वालों की शामत आने वाली है। प्रदेश सरकार ने ऐसे 'चिन्हित अपराधों' में सज़ा की दर को मौजूदा 61.5% से भी पार ले जाने के लिए कमर कस ली है। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने पुलिस और सरकारी वकीलों को दो टूक शब्दों में कहा है कि वे अपनी कोशिशें तेज करें ताकि ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सके।
'चिन्हित अपराध' योजना के तहत हुई 25वीं राज्य स्तरीय बैठक में डॉ. मिश्रा ने साफ कहा कि 61.5% की सज़ा दर काफी नहीं है, इसे और बेहतर करना होगा। उन्होंने बताया कि फरवरी और मार्च 2025 के लिए 117 नए मामले इस योजना में जोड़े गए हैं, और फिलहाल 1,683 मामलों पर पैनी नज़र रखी जा रही है।जांच में तेज़ी, सबूत अहम, लापरवाही बर्दाश्त नहींअतिरिक्त मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा, "अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए सबसे ज़रूरी है कि जांच तेज़ी से हो, पुख्ता सबूत जुटाए जाएं और फोरेंसिक रिपोर्ट समय पर मिलें। पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।
जांच या सुनवाई में किसी भी तरह की देरी या लापरवाही से लोगों का भरोसा टूटता है, जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"उन्होंने जिला पुलिस अधिकारियों और सरकारी वकीलों को कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का निर्देश दिया। साथ ही, कुछ पेचीदा मामलों में विशेष सरकारी वकील नियुक्त करने का भी सुझाव दिया ताकि अदालत में मज़बूती से पक्ष रखा जा सके। डॉ. मिश्रा ने चेतावनी दी कि गंभीर मामलों की नियमित समीक्षा होगी और किसी भी स्तर पर कोताही बरतने वालों की जवाबदेही तय की जाएगी।