भिवानी, 20 जनवरी (हप्र)
जिले के गांव बापोड़ा में सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद जयंती के पहले दिन सांगी राम शरण अत्री ने धार्मिक सांग सेठ तारा चंद का मंचन किया। कार्यक्रम में मुख्यातिथियों को पगड़ी पहनाकर सम्मानित भी किया गया। सांग में बताया गया आदमी को कभी दया धर्म नहीं छोड़ना चाहिये जैसा सेठ ताराचंद ने किया । सेठ ताराचंद एक नामी सेठ होता है और वो बढ़ चढ़ कर दान करता है। उसका भाई उसकी ख्याति बढ़ने से जलता है और एक दिन अपने भाई के पास जाकर कहता है भाई आप इतना पैसा दानपुन में खराब करते हो अगर आप इसे जमा करो तो देश के सबसे अमीर आदमी हो जाओगे। ये बात सेठ ताराचंद के दिमाक में घर कर जाती है और वो दान देना बन्द कर देता है। जैसे ही सभी जगह दान बंद होता है तो धीरे-धीरे सेठ कंगाल होने लग जाता फिर पछतावा करता कि मने भाई की बात मान कर गलत किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिनेश सरपंच उमरावत, म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान के प्रधान हनुमान कौशिक, समिति के प्रधान सियराम, गजाराम, जोगिंंद्र बीडीसी, सतबीर सिंह दिनोद, जनक बापोडा, नरेश मंडाणा, पवन शर्मा, भूप सिंह गुजरानी, मुकेश बापोडा आदि मौजूद थे।