12 शहरों की 131 कालोनियों से हटा अवैध का टैग, सरकार ने की नियमित
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 जुलाई
हरियाणा सरकार ने शहरों में बसी अवैध काॅलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने बृहस्पतिवार को प्रदेश के 12 शहरों की 131 कालोनियों को नियमित करने का फैसला लिया। इस संदर्भ में संबंधित नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं को सूचित कर दिया है। वैध होने के बाद इन कालोनियों में लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी।
सरकार के पास विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों की ओर से कुल 2250 अवैध कालोनियों की सूची भेजी गई थी। हालांकि प्रदेश में ऐसी कालोनियों की संख्या 3500 के करीब है। मुख्यालय से सभी निकायों को आदेश दिए गए कि वे उन कालोनियों के हाउस की मीटिंग में प्रस्ताव पास करके भेजें, जो नियमों के अनुसार नियमित की जा सकती हैं। इसके बाद निकायों ने 1440 कालोनियों के प्रस्ताव पास करके विभाग के पास भेजे। विभाग की पड़ताल में इनमें से 740 कालोनियां ऐसी मिली, जो नियमों पर खरी उतर रही थी।
इनमें से 131 कालोनियों को सरकार ने नियमित घोषित कर दिया है और बाकी की प्रक्रिया चल रही है। वहीं विभाग की ओर से उन कालोनियों के बारे में फिर से सर्वे करके रिपोर्ट भेजने को कहा है, जिन्हें रिजेक्ट किया गया है। यहां बता दें कि कालोनियों को नियमित करने की शर्तों में सरकार ने काफी ढील दे दी है। पहले उन्हीं कालोनियों को नियमित करने के नियम थे, जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक बसासत हो चुकी है।
अब उन कालोनियों को भी सरकार नियमित करेगी, जिनमें सड़कों का साइज नियमों के हिसाब से है। ऐसी कालोनियों में रहने वालों की संख्या भले ही 20 प्रतिशत क्यों ना हो। सरकार के इस फैसले को आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। तीन नगर निगमों – गुरुग्राम, फरीदाबाद व मानेसर के अलावा 30 के करीब नगर परिषदों/नगर पालिकाओं के चुनाव अभी लटके हुए हैं। इनका कार्यकाल पूरा हो चुका है।
वहीं पांच नगर निगमों – यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक और हिसार का कार्यकाल इसी साल के आखिर में पूरा हो जाएगा। ऐसे में निकायों के चुनावों पर भी सरकार की नजर है। अवैध कालोनियों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पाती। हालांकि इस बीच सरकार ऐसी अवैध कालोनियों में बिजली-पानी के कनेक्शन देने का निर्णय ले चुकी है ताकि लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित ना रहे। वैध की गई कालोनियों में विकास शुल्क के साथ सरकार सुविधाएं मुहैया करवाएगी।
सरकार ने 12 शहरों की 131 कालोनियों को संबंधित नगर निगम आयुक्त तथा जिला पालिका आयुक्तों (डीएमसी) की सिफारिश पर वैध किया है। इसके लिए पहले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट द्वारा सर्वे करके रिपोर्ट दी गई थी। विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता ने इस संदर्भ में आदेश जारी किए हैं। फरीदाबाद नगर निगम की 59, टोहाना नगर परिषद की 10, मानेसर नगर निगम की 3, बरवाला व उकलना नगर पालिका की 6-6, नारनौंद पालिका की 4, कैथल नगर परिषद की 20, कलायत नगर पालिका की 4, पूंडरी नगर पालिका की 7, रोहतक नगर निगम की 9 और सढ़ौरा नगर पालिका के अधीन आने वाली 4 कालोनियों को वैध घोषित किया है।
पार्ट- 1 में भी हुई रेगुलर
खट्टर पार्ट-। में भी 1300 के करीब कालोनियों को नियमित घोषित किया गया था। सरकार ने ऐसी कालोनियों में विकास कार्यों के लिए पॉलिसी बनाई हुई है। विकास कार्यों के लिए डेवलेपमेंट चार्ज यानी विकास शुल्क तय किए हुए हैं। विकास शुल्क की दरें शहरों के हिसाब से तय की गई हैं। बाकायदा शहरों को नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के हिसाब से कैटेगरी में बांटा हुआ है।
सीएम दे चुके निर्देश
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अवैध कालोनियों को नियमित करने को लेकर काफी गंभीर हैं। वे विभाग के अधिकारियों को 30 सितंबर तक इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कह चुके हैं। हालांकि उन्हीं कालोनियों को वैध घोषित किया जाएगा, जो विभाग द्वारा तय शर्तों एवं मापदंडों को पूरा करती हैं।
