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SYL पंजाब-हरियाणा के सीएम की बैठक आज

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री करेंगे मध्यस्थता
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दशकों पुराने सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद को सुलझाने के लिए हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री आज दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में बैठक करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद यह बैठक विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके बाद 13 अगस्त को इस मामले में शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है।

यह एक महीने में दूसरी बार है जब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आमने-सामने बातचीत हो रही है। पिछली बैठक 9 जुलाई को हुई थी, लेकिन उसमें कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया और हरियाणा को भाखड़ा जल आपूर्ति को लेकर बिल भी भेजा, जिससे दोनों राज्यों के बीच जल विवाद और गहरा गया।

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सुप्रीम कोर्ट ने मई में केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह केवल मूकदर्शक न बने रहे, बल्कि विवाद को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभाए। साथ ही 6 मई की सुनवाई में पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिगृहीत जमीन को गैर-अधिसूचित करना मनमानी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बैठक से पहले यह सुझाव दिया है कि सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) के स्थान पर यमुना-सतलुज लिंक (वाईएसएल) नहर बनाई जाए।

उनका तर्क है कि सिंधु समझौते के तहत भारत को पश्चिमी नदियों – सिंध, झेलम और चिनाब से अधिकतम पानी उपयोग करने की संभावनाएं तलाशनी चाहिए। हरियाणा की ओर से, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने की मांग एक बार फिर प्रमुखता से उठाई जा सकती है। वहीं, विभागीय स्तर पर दोनों राज्यों में बैठकों की तैयारियां जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले यह अंतिम और निर्णायक बैठक हो सकती है।

अब नजरें इस बात पर हैं कि क्या केंद्र की मध्यस्थता और कोर्ट की सख्ती के बीच पंजाब और हरियाणा कोई साझा रास्ता निकाल पाएंगे या विवाद की अगली कड़ी सुप्रीम कोर्ट में ही सुलझेगी। मंगलवार को होने वाली बैठक को लेकर विभागीय अधिकारी अपनी-अपनी तैयारी में जुटे रहे। सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले इसे अंतिम बैठक माना जा रहा है। इसके बाद अगले सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दोनों राज्यों की फाइनल राय के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश की जाएगी।

 

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