चंडीगढ़, 23 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ गठबंधन सहयोगी रही जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन टूटने के बाद अब जजपा कोटे से चेयरमैन बने नेताओं पर तलवार लटक गई है। सूत्रों का कहना है कि विभिन्न बोर्ड-निगमों में नियुक्त इन नेताओं को अब कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। इससे पूर्व एडवोकेट जनरल (एजी) कार्यालय में कार्यरत कई लॉ-अधिकारी पहले ही पदमुक्त हो चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि सरकार ने जजपा कोटे से बोर्ड-निगमों के चेयरमैन तथा सदस्यों को भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा द्वारा इन पदों पर नए सिरे से अपने कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां की जाएंगी। हरियाणा में वर्ष 2019 में भाजपा-जजपा गठबंधन के बाद मंत्रियों का कोटे तय करने के साथ-साथ बोर्ड व निगमों के चेयरमैन तथा अन्य पदों पर भी जजपा के कार्यकर्ताओं को तैनात करने का समझौता दोनों दलों के बीच हुआ था। मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान 12 बोर्ड व निगमों में चेयरमैन जजपा कोटे से लगाए गए थे। महाधिवक्ता कार्यालय में 19 लॉ अफसर भी जजपा कोटे से लगाए गए थे। लॉ अफसरों को हटाए जाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।