अरविंद शर्मा/निस
जगाधरी, 3 अक्तूबर
जगाधरी के अमादलपुर स्थित विश्व प्रसिद्ध प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर में सात अक्तूबर से शुरू होने वाले विलक्षण 100 कुंडीय श्री चंडी महायज्ञ की तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं। महायज्ञ के लिए बनी 50 फीट ऊंची यज्ञशाला लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। दूर-दूर से लोग इस यज्ञशाला को देखने आ रहे हैं।
महायज्ञ के लिए बनी यज्ञशाला को राजस्थान के नौरखा से आए डेढ़ दर्जन कारीगरों ने तैयार किया है। मंदिर के महंत डा. गुनी प्रकाश ने बताया कि यज्ञशाला में सीमेंट, रेत, सरिया, ईंटों आदि का इस्तेमाल नहीं हुआ है। यह लकड़ी व पवित्र मिट्टी से तैयार हुई है। पूर्णतया प्राकृतिक तरीके से बनाई गई यज्ञशाला 100/100 मीटर की है। इस यज्ञशाला में 100 हवन कुंड बनाए गए हैं।
यह महायज्ञ 7 से 14 अक्तूबर तक चलेगा। इसमें 500 आचार्य यजमानों से यज्ञ कराएंगे। यहां पर बनारस महायज्ञ के दौरान बनारस की महाआरती होगी।
इसके लिए पुजारी भी वहीं से आएंगे। डा. गुनी प्रकाश ने बताया कि 7 अक्तूबर को विशाल कलश यात्रा निकलेगी। 25 सौ मातृ शक्ति की यह यात्रा पेपर मिल यमुनानगर से शुरू होकर मंदिर में विराम लेगी।