इन्द्री, 22 फरवरी (निस)
शिक्षा के अधिकार से वंचित बच्चों को शिक्षा के दायरे में लाने के उद्देश्य से खंड के सभी गांवों और शहर के सभी वार्डों में आऊट आफ स्कूल, ड्राप आऊट तथा स्कूल में न जाने वालों बच्चों को चिन्हित कर सूचियां बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। बीईओ राजिन्द्र प्रसाद बंसल ने सभी संकुल संसाधन संयोजकों, बीआरपी व एबीआरसी की बैठक में कहा कि खंड के सभी गांवों व शहर के वार्डों में अध्यापक घर-घर जाकर 6-14 आयु वर्ग के उन बच्चों की पहचान दर्ज की जाएगी जो बीच में पढ़ाई छोड चुके हैं या उन्होंने कभी स्कूल में दाखिला नहीं लिया। उन्होंने बताया कि हर गांव व शहर में स्थित स्कूलों के मुखियाओं की जिम्मेदारी तय की गई है कि वह अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों व अध्यापकों से सही व प्रमाणिक आंकड़े इकट्ठे करके हर रोज सूचना गूगल फार्म के द्वारा खंड कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर जुटाई गई जानकारी संकुल स्तर पर संकलित करके खंड स्तर पर भेजी जाएगी। इस दौरान ईंट भट्ठे व खेतों में रहने वाले परिवारों के बच्चों की जानकारी जुटाना अति आवश्यक है।
दिव्यांग बच्चे छूटने न पाएं
बीईओ राजेन्द्र बंसल ने कहा कि आमतौर पर स्कूल न जाने वाले बच्चों में दिव्यांग बच्चों की जानकारी देने में परिवार के सदस्यों का अनदेखी वाला व्यवहार हो सकता है। ऐसे में जिन परिवारों से जानकारी ली जा रही है उनके पड़ोसियों से भी पुष्टि करें ताकि सर्वेक्षण में कोई भी बच्चा छूट न जाए।