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सरप्लस सामान का होगा निपटान, अतिरिक्त खरीद पर भी लगेगी रोक

मुख्य सचिव ने विभागों को 30 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की फाइल फोटो।
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हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी विभागों, बोर्डों और निगमों को आदेश दिए हैं कि वे अपने यहां पड़े सरप्लस और अनुपयोगी सामान का निपटान तत्काल प्रभाव से शुरू करें। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बृहस्पतिवार को सभी प्रशासनिक सचिवों और निगमों के प्रमुखों को विस्तृत दिशा-निर्देशों वाला पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि आदेश जारी होने की तारीख से 30 दिन के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट अनिवार्य होगी और इसके बाद हर तिमाही प्रगति रिपोर्ट भी भेजनी होगी।

सरकारी विभागों में अक्सर सरप्लस और अनुपयोगी सामान वर्षों तक गोदामों में पड़ा रहता है। इससे न केवल बहुमूल्य जगह घिरती है, बल्कि धीरे-धीरे वह सामग्री नष्ट भी हो जाती है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि इन खरीदों पर खर्च हुआ सरकारी धन बेकार चला जाता है। हर वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में विभागीय अधिकारी बजट खपाने के लिए अनावश्यक खरीद कर लेते हैं।

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यही वजह है कि कई बार ऐसे उपकरण और सामान खरीदे जाते हैं, जिनका वास्तविक उपयोग ही नहीं होता। सरकार ने इस प्रवृत्ति पर नकेल कसने का फैसला किया है। मुख्य सचिव के आदेश से यह साफ हो गया है कि अब न केवल पुराने अनुपयोगी सामान का निपटान होगा बल्कि भविष्य में अतिरिक्त खरीद पर भी निगरानी रखी जाएगी। इससे एक ओर विभागों की कार्यकुशलता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक धन का सदुपयोग विकास योजनाओं और जनता के हितों में किया जा सकेगा।

वित्तीय अनुशासन पर जोर

सरकार ने स्पष्ट किया है कि अनुपयोगी वस्तुओं का लंबे समय तक भंडारण न केवल बहुमूल्य जगह घेरता है बल्कि परिसंपत्तियों के नष्ट होने का खतरा भी रहता है। इसके अलावा, इससे सार्वजनिक धन भी अनावश्यक रूप से फंस जाता है। सरकार का कहना है कि यह धन विकास योजनाओं और अन्य उत्पादक कार्यों में लगाया जा सकता है। निपटान से पहले सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा और हर वस्तु का विवरण सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय को भेजना होगा।

अतिरिक्त खरीद पर भी निगरानी

मुख्य सचिव ने यह भी साफ किया है कि कई बार अधिकारी जरूरत से अधिक सामान की खरीद कर लेते हैं, विशेषकर वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में। अब सरकार ने इस प्रवृत्ति पर भी रोक लगाने का फैसला किया है। स्पष्ट कर दिया गया है कि आगे से अनावश्यक खरीद पर सख्त कंट्रोल रहेगा, ताकि विभागों में फालतू सामान इकट्ठा न हो और सरकारी धन का दुरुपयोग न हो।

बढ़ेगी विभागों की कार्यकुशलता

सरकार का मानना है कि अनुपयोगी वस्तुओं का समय पर निपटान और अतिरिक्त खरीद पर नियंत्रण से विभागों की कार्यकुशलता बढ़ेगी। साथ ही, राज्य के संसाधनों का अधिकतम लाभ जनता तक पहुंच पाएगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि इन आदेशों को सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों तक तुरंत पहुंचाया जाए और अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

अहम बिंदू

-30 दिन में देनी होगी प्रारंभिक रिपोर्ट

-हर तिमाही अनिवार्य होगी प्रगति रिपोर्ट

-निपटान से पहले सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी जरूरी

-सामग्री का विवरण निर्धारित प्रारूप में देना अनिवार्य

-लंबे समय तक भंडारण से जगह और धन की बर्बादी

-वर्ष के आखिरी दिनों में अतिरिक्त खरीद पर कंट्रोल

-कार्यकुशलता बढ़ेगी, जनता को मिलेगा फायदा

 

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