दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 जुलाई
सोमवार को हरियाणा में हाई-वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा हुआ। सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार ने अपना इस्तीफा स्पीकर को भेज दिया। यह खुलासा होने के बाद कांग्रेस में भगदड़ मच गई। पहले तो इसे बड़े हल्के में लिया गया, लेकिन जब स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इस तरह के संकेत दिए कि वह इस्तीफे का अध्ययन कर रहे हैं और इसे मंजूर करने को लेकर जल्द ही फैसला करेंगे तो कांग्रेसियों के पैरों तले की जमीन खिसक गई।
इसके बाद शुरू हुआ भागदौड़ का खेल। स्पीकर से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक के यहां कांग्रेस विधायकों ने दस्तक दी। सीएम और स्पीकर को यह कहा गया कि पंवार को क्योंकि विदेश से फिरौती का फोन आया हुआ है और उन्हें जान से मारने की धमकी दी हुई है, इसलिए मानसिक दबाव के चलते ही उन्होंने इस्तीफा दिया है। आखिर में पंवार ने भी स्पीकर को लिखकर कहा कि वह अपना इस्तीफा वापस लेना चाहते हैं।
बड़ी बात यह है कि इस्तीफे की यह कहानी पिछले सप्ताह 14 जुलाई को शुरू हो गई थी। पंवार ने स्पीकर को फोन कर कहा कि वह विधानसभा से इस्तीफा देना चाहते हैं। स्पीकर ने कारण पूछा तो कहा कि उनके पारिवारिक और व्यक्तिगत कारण हैं। 14 जुलाई को ही पंवार की ओर से स्पीकर को ईमेल से इस्तीफा भेज दिया गया, लेकिन उस पर किसी के हस्ताक्षर नहीं थे।
इसके बाद उन्हें बताया गया कि बिना साइन के त्यागपत्र को मंजूर नहीं किया जा सकता। पंवार ने दो रोज बाद स्पीकर को नये सिरे से अपने हस्ताक्षर के साथ इस्तीफा भेजा। इसकी कॉपी स्पीकर के पास व्हाटसएप भी की गई। सोमवार शाम को जब पंवार के इस्तीफे की खबर बाहर आई तो कांग्रेस ही नहीं, भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार और ब्यूरोक्रेसी भी इस घटना से सकते में दिखी। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस प्रधान चौ़ उदयभान सहित पार्टी के अधिकतर विधायक भी चंडीगढ़ ही थे। काफी देर तक तो पंवार से संपर्क ही नहीं हो पाया। बताते हैं कि बाद में पंवार की हुड्डा के साथ उनके सरकारी आवास पर बंद कमरे में बातचीत हुई। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक कांग्रेस विधायक स्पीकर के पास पहुंचे।
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल सहित कई विधायक पूरे घटनाक्रम को लेकर सीएम आवास पर भी पहुंचे। स्पीकर के साथ विधायकों की बैठक में खुद विधायक सुरेंद्र पंवार भी मौजूद रहे। इसी बैठक में उन्होंने स्पीकर को लिखित में कहा कि वह अपना इस्तीफा वापस लेते हैं। हालांकि स्पीकर ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। बहरहाल, गेंद स्पीकर के पाले में है, लेकिन माना यही जा रहा है कि पंवार की सदस्यता पर अब खतरा नहीं रहेगा।
विधायकों की सुरक्षा पर डीजीपी से होगी बात
स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने विधायकों को मिल रही धमकी पर कड़ा नोटिस लिया है। वह इस मामले पर सीएम मनोहर लाल, गृह मंत्री अनिल विज और डीजीपी पीके अग्रवाल से भी बात कर चुके हैं। उनके कहने के बाद उन विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जिन्हें धमकी मिली हैं। स्पीकर इतने से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि अभी भी कुछ विधायकों ने उन्हें बताया है कि जो सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं, वे ड्यूटी के प्रति गंभीर नहीं हैं। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि वह कल फिर डीजीपी से इस बाबत बात करेंगे। विधायकों को धमकी गंभीर मामला है। सरकार को विधायकों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए।
‘मेरे पास 14 जुलाई को पंवार साहब का फोन आया था कि मैं पारिवारिक कारणों से इस्तीफा देना चाहता हूं। मैंने सोच-विचार करने को भी कहा। फिर इनका व्हाटसएप आया, ईमेल आई। बाद में साइन किया हुआ लेटर भी आया। साथ ही, मुझे कहा कि मैं आऊंगा। अब इन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने का पत्र मुझे दिया है और इसमें पारिवारिक सुरक्षा का जिक्र किया है। मैं इस पर कानूनी राय लेने के बाद ही फैसला करूंगा।’
-ज्ञानचंद गुप्ता, स्पीकर।
यह कहते हैं सुरेंद्र पंवार
मेरे परिवार और कई विधायकों को धमकी आ रही है। मैंने स्पीकर साहब को ईमेल पर इस्तीफा भेजा था। उन्होंने मुझे कहा था कि व्यक्तिगत तौर पर आकर मिलो। आज मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है क्योंकि स्पीकर साहब ने सुरक्षा का पूरा भरोसा दिया है। स्पीकर साहब की बात के बाद मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं और अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मैंने पत्र दे दिया है।
-सुरेंद्र पंवार, सोनीपत विधायक।