चंडीगढ़, 16 सितंबर (ट्रिन्यू)
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार की ओर से की गई गन्ने के रेट में बढ़ोतरी को नाकाफी बताया है। उन्होंने कहा कि इन दिनों भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार गन्ने का रेट सिर्फ 12 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर जमकर प्रचार व इवेंटबाजी कर रही है। खेती की बढ़ती लागत की तुलना में सभी फसलों की एमएसपी एवं गन्ने की एफआरपी में बढ़ोतरी नाममात्र है।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा साढ़े 9 साल के कार्यकाल में गन्ने के रेट में 165 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। यानी हर साल 16 प्रतिशत से भी ज्यादा की इजाफा किया गया। वहीं, भाजपा सरकार के 7 साल के कार्यकाल में कुल 16 प्रतिशत यानी कांग्रेस से 10 गुना कम बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा में 2005 तक किसानों को गन्ने का सिर्फ 117 रुपये रेट दिया जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद इसमें ऐतिहासिक 193 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए रेट 310 रुपये तक पहुंचाया गया।
भाजपा सरकार ने 7 साल में सिर्फ 52 रुपये बढ़ोतरी करते हुए गन्ने का रेट 362 रुपये ही किया है। हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल के दाम, गन्ना खेती की लागत, लेबर से लेकर खाद, बीज, दवाई और खेती उपकरणों पर खर्च में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। डीजल कांग्रेस सरकार के समय लगभग 56 रुपये प्रति लीटर था।
पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ी लागत
हुड्डा ने कहा कि अकेले डीजल में ही लगभग 62 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी है। पिछले 7 साल में जो लागत बढ़ी है, उसकी तुलना में बढ़ोतरी न के बराबर है। हुडडा ने याद दिलाया कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों को 15 दिनों के भीतर गन्ने की पेमेंट हो जाती थी। लेकिन मौजूदा सरकार के दौरान कई-कई महीने तक मिलों में किसान का बकाया फंसा रहता है। आज भी नारायणगढ़ मिल में किसानों का सैकड़ों करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान बाकी है।