ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 5 अगस्त
हरियाणा के सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों व उनके उत्तराधिकारियों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। बैंकों के कर्जदार किसानों व सदस्यों के लिए सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम-2022 की घोषणा की है। इसी तरह से जिला कृषि एवं भूमि विकास बैंक (लैंड मोर्टगेज बैंक) के ऋणी सदस्यों के लिए भी एकमुश्त निपटान योजना का ऐलान किया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मंजूरी के बाद सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में ओटीएस स्कीम के बारे में बताया। लैंड मोर्टगेज बैंक से कर्ज लेने वाले उन किसानों व परिवारों को भी सरकार ने बड़ी राहत दी है, जिनमें कर्ज लेने वाले गुजर चुके हैं। अब उनके उत्तराधिकारियों पर कर्ज के साथ ब्याज और जुर्माने की तलवार लटकी है। सरकार ने ऐसे सभी उत्तराधिकारियों को कर्ज पर 31 मार्च, 2022 तक अतिदेय ब्याज में शत-प्रतिशत छूट का ऐलान कर दिया है। इसके लिए मृत ऋणी के उत्तराधिकारी/उत्तराधिकारियों द्वारा ऋण खाते में पूरा मूलधन जमा करवाना होगा। ब्याज के अलावा उनका जुर्माना व अन्य खर्च भी माफ होगा। ऐसे लोगों की संख्या 17 हजार 863 है, जिन्होंने बैंकों से कर्ज लिया था और अब उनका निधन हो चुका है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि इसी तरह से बैंकों के अन्य कर्जदारों को ब्याज में पचास प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं, उनका पूरा जुर्माना और अन्य खर्च भी माफ होगा। डॉ. लाल ने बताया कि यह योजना बैंक के सभी प्रकार के ऋण पर लागू होगी। यदि ऋण धारक किन्हीं कारणों से अपने ऋण का भुगतान नहीं कर सका और 31 मार्च, 2022 को बैंक द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है। हरियाणा में 19 जिला प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के कुल 73 हजार 638 ऋणियों पर कुल 2069 करोड़ 78 लाख रुपये बकाया है। इसमें मूलधन 844 करोड़ 91 लाख रुपये तथा ब्याज 1111 करोड़ 80 लाख रुपये है। वहीं 113 करोड़ 7 लाख रुपये का जुर्माना-ब्याज शामिल है। ऐसे डिफॉल्टरों के लिए सीमित समय के लिए ओटीएस योजना-2022 है। इसका लाभ उठा सकते हैं।
कर्जदारों को ब्याज में 50 फीसदी छूट
सहकारिता मंत्री ने कहा कि इसी तरह से बैंकों के अन्य कर्जदारों को ब्याज में पचास प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं, उनका पूरा जुर्माना और अन्य खर्च भी माफ होगा। डॉ. लाल ने बताया कि यह योजना बैंक के सभी प्रकार के ऋण पर लागू होगी। यदि ऋण धारक किन्हीं कारणों से अपने ऋण का भुगतान नहीं कर सका और 31 मार्च, 2022 को बैंक द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है। हरियाणा में 19 जिला प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के कुल 73 हजार 638 ऋणियों पर कुल 2069 करोड़ 78 लाख रुपये बकाया है। इसमें मूलधन 844 करोड़ 91 लाख रुपये तथा ब्याज 1111 करोड़ 80 लाख रुपये है। वहीं 113 करोड़ 7 लाख रुपये का जुर्माना-ब्याज शामिल है। ऐसे डिफॉल्टरों के िलए सीमित समय के लिए ओटीएस योजना-2022 है। इसका लाभ उठा सकते हैं।