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विद्यार्थियों को करवाया हिसार के इतिहास से रूबरू

हिसार, 10 दिसंबर (हप्र) दयानंद महाविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को फिरोजशाह किले का भ्रमण कराते हुए हिसार के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 18वीं शताब्दी में मराठों, सिक्खों और स्थानीय...
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हिसार स्थित फिरोजशाह किले का अवलोकन करते विद्यार्थी। -हप्र
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हिसार, 10 दिसंबर (हप्र)

दयानंद महाविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को फिरोजशाह किले का भ्रमण कराते हुए हिसार के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 18वीं शताब्दी में मराठों, सिक्खों और स्थानीय लोगों के बीच संघर्ष के चलते 1783 में हिसार बेचिराग हो गया था।

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डॉ. महेंद्र सिंह ने हिसार की स्थापना और इसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में भी बताया। हिसार की स्थापना 1354 में फिरोजशाह तुगलक ने की थी और किले का निर्माण 1356 में मलिक दानियाल नागौरी की देखरेख में पूरा हुआ। हिसार का हमेशा व्यापारिक, राजनीतिक और सामरिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण स्थान रहा और मुग़ल काल में यहां एक टकसाल भी बनी थी। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि हिसार के बेचिराग होने के बाद यह शहर दोबारा बसा और जॉर्ज थॉमस का राज्य स्थापित हुआ। 1857 में हिसार एक महत्वपूर्ण केंद्र बना, जहां लाला लाजपत राय का राजनीति में प्रवेश हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम की कई गतिविधियां भी यहीं से जुड़ीं।

भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने दीवाने आम की लाट मस्जिद, सुल्तान का किला, अस्तबल, विश्राम गृह और किले की जल व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। 157 विद्यार्थियों ने इस भ्रमण में भाग लिया, जिन्हें प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

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