ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 8 नवंबर
धान की कटाई के बाद फानों में कहीं भी आग नहीं लगे, इसके लिए जिला प्रशासन आये दिन लोगों को जागरूक करने काम कर रहा है। डीसी प्रदीप दहिया ने अपने अधिकारियों की टीम के साथ ढांड, क्योड़क, नौच, कवारतन, खुराना इत्यादि क्षेत्रों का दौरा किया और जहां भी फानों में आग लगने की घटना दिखाई दी, तुरंत वहां पर गाड़ी रुकवाकर किसानों को समझाया कि वे फानों में आग नही लगाएं। डीसी ने मौके पर ही फानों में लगाई आग को बुझवाया। इसके बाद नौच गांव के पास मनरेगा के तहत चल रहे कार्य को देखा तथा सड़क के आसपास लगी आग को देखकर डीसी ने तुरंत प्रभाव से जिला परिषद की सीईओ सुरेश राविश को फोन पर निर्देश दिए कि तुरंत प्रभाव से यह व्यवस्था की जाये कि जहां पर भी नरेगा के तहत काम चल रहा है, वहां पर आग लगाने की घटना नजर नहीं आनी चाहिए।
डीसी ने किया कई गांवों का औचक निरीक्षण : डीसी प्रदीप दहिया ने कई गांवों के औचक निरीक्षण के दौरान संबंधित क्षेत्र के पटवारियों और ग्राम सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। डीडीए कर्मचंद ने जानकारी दी कि समूचे जिला में फानों में आग लगाने की घटनाओं के दृष्टिगत 32 से ज्यादा लोकेशन मिली हैं। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
फतेहाबाद में अभी तक 93 एफआईआर दर्ज
टोहाना (निस) : उपायुक्त महावीर कौशिक ने किसान रेस्ट हाउस टोहाना में पराली प्रबंधन के लिए ग्राम स्तर पर गठित की गई जाखल व टोहाना की टीम को संबोधित किया। इस दौरान कृषि विभाग, रेवेन्यू विभाग, पंचायत विभाग और पुलिस विभाग के संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा पराली प्रबंधन के लिए किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पराली खेतों में न जले इसके लिए प्रशासन बेहद गंभीरता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा फतेहाबाद जिला में अभी तक 93 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं व जुर्माना लगाया जा चुका है।
गांव बालू में एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर बुझायी आग
कलायत (निस) : खेतों में पराली न जलाने को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। सोमवार को उपमंडल के गांव बालू के खेतों में पराली जलती देख एसडीएम वीरेंद्र ढुल कर्मचारियों के साथ खेत में पहुंचे और कर्मचारियों की सहायता से पराली में लगी आग को बुझाने लगे। आग बुझाने के उपरांत एसडीएम वीरेंद्र ढुल ने मौजूद किसानों को चेतावनी दी और खेतों में पराली व फाने न जलाए जाने की शपथ भी दिलाई। एसडीएम वीरेंद्र ढुल ने कहा कि पराली के फाने व फसलों के अवशेष जलाने से पर्यावरण दूषित हो रहा है और कई प्रकार की बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो रहा है। इसके साथ-साथ खेतों की उपजाऊ शक्ति भी नष्ट हो रही है। लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए सरकार के निर्देशानुसार प्रशासन की तरफ से अवशेष ना जलाए जाने के लिए ग्राम स्तरीय अधिकारियों की कमेटी गठित की गई है तथा तहसीलदार को कलायत सर्कल में निगरानी के लिए तथा बीडीपीओ कलायत को मटौर सर्कल की निगरानी के लिए ग्राम स्तरीय कमेटी की चैकिंग के लिए भेजा जा रहा है। अगर कोई किसान किसी भी गांव में फसल अवशेष जलाते हुए पाया गया तो उसकी तुरंत एफआईआर करवाई जाएगी तथा जुर्माना भी लगाया जाएगा।