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हरियाणा में अब नहीं जलेगी पराली, बनेगी खाद; ‘डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर’ से होगा फसल अवशेष प्रबंधन

पहले चरण में 75 हजार एकड़ धान क्षेत्र होगा कवर, किसानों को निःशुल्क मिलेगा पूसा डीकम्पोजर4
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हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए बड़ा कदम उठाते हुए ‘डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर’ के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इससे न केवल पराली जलाने की समस्या पर अंकुश लगेगा, बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाकर किसानों की आय में वृद्धि का रास्ता भी खुलेगा।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में पूसा डीकम्पोजर वेटेबल पाउडर के 75,000 पैकेट की खरीद को स्वीकृति दे दी गई है। बैठक में कृषि मंत्री के साथ प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडावीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।

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उन्होंने बताया कि इन पैकेटों को किसानों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। एक एकड़ के हिसाब से एक पैकेट उपयोग किया जाएगा, जिससे राज्य के 75,000 एकड़ धान क्षेत्र में फसल अवशेषों का प्रभावी प्रबंधन किया जा सकेगा। इस पहल से पराली जलाने की घटनाओं में कमी आएगी और भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी। साथ ही, मिट्टी की संरचना सुधरने से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि यह डीकम्पोजर पाउडर पराली, सब्जियों के अवशेष और अन्य कृषि कचरे को कुछ ही दिनों में विघटित कर खाद में बदल देता है। इससे मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ती है और वह अधिक उर्वर बनती है। यह पाउडर एक ‘प्लांट प्रोटेक्शन एजेंट’ की तरह भी काम करता है, जो मिट्टी में मौजूद फफूंदजनित रोगों और कीटों को नियंत्रित करने में मदद करता है।

अगले वर्ष व्यापक स्तर पर लागू करने की तैयारी

राणा ने कहा कि फिलहाल इस तकनीक को प्रदर्शन के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। इसके परिणामों का मूल्यांकन करने के बाद अगले वर्ष इसे राज्यभर में बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा में फसल अवशेषों को पर्यावरणीय खतरा नहीं बल्कि कृषि संसाधन के रूप में उपयोग किया जाए। यह प्रयास न केवल प्रदूषण कम करेगा बल्कि क्लाइमेट-स्मार्ट खेती को भी बढ़ावा देगा।

‘हरियाणा मॉडल’ बनेगा देश के लिए मिसाल

कृषि मंत्री ने कहा कि यदि यह परियोजना सफल रहती है, तो हरियाणा का मॉडल देशभर के किसानों के लिए मिसाल बन सकता है। डीकम्पोजर पाउडर के उपयोग से खेतों में हरियाली और किसानों की आय दोनों बढ़ेंगी। यह पराली जलाने के खिलाफ एक स्थायी समाधान है।

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