पानीपत,11 जुलाई (निस)
पानीपत के यमुना के साथ लगते गांवों की शामलात जमीन को बचाने को लेकर 40 गांवों के किसानों की कमेटी ने सोमवार को लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में सांसद संजय भाटिया से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों ने सांसद संजय भाटिया को बताया कि यमुना के आसपास के इन गांवों की जमीन किसानों की मलकीयत की है और यह पंचायतों वाली शामलात भूमि नहीं है। इस जमीन पर तो किसान वर्षों से खेती करते आ रहे हैं और इस जमीन को ग्राम पंचायत की शामलात की जमीन बताना गलत है। किसानों की आजीविका का साधन यही जमीन है।
वर्षों पहले यमुना के साथ लगते गांवों की जमीन जो की नदी के पानी के बहाव की वजह से यमुना नदी में चली गई थी, जिसकी वजह से किसानों को अपनी जमीन से वंचित होना पड़ा। यमुना नदी के पानी का बहाव दूसरी तरफ हो गया तो यह जमीन दोबारा से बरामद हुई, लेकिन इस जमीन का राजस्व रिकॉर्ड में शामलात दर्ज हो गया, क्योंकि उस समय राजस्व अधिकारी ऐसा ही कर देते थे। किसानों की सारी बातें सुनकर सांसद संजय भाटिया ने आश्वासन दिया कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और किसानों के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा। उसके उपरांत किसानों ने उपायुक्त से मिलकर भी शामलात भूमि को लेकर सारी स्थिति से अवगत करवाया।
सनौली खुर्द में हुई थी 40 गांवों की महापंचायत
रविवार को गांव सनौली खुर्द की धर्मशाला में यमुना के साथ लगते 40 गांवों के किसानों की महापंचायत हुई थी और सभी गांवों से 5-5 किसानों की एक कमेटी बनाई गई थी। उसी कमेटी सदस्यों ने सांसद संजय भाटिया को सोमवार को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन देने वालों में यमुना सुधार समिति के अध्यक्ष एवं एडवोकेट रतन सिंह रावल, संजय त्यागी पूर्व सरपंच, रविंद्र पूर्व सरपंच, नर सिंह रावल पूर्व सरपंच, सुरेंद्र शर्मा सनौली, राजकुमार एडवोकेट, कृष्ण व रण सिंह आदि शामिल रहे।