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दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रहे हैं स्ट्रोक के मामले

फरीदाबाद, 22 नवंबर (हप्र) मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के न्यूरोलॉजी विभाग के क्लीनिकल डायरेक्टर और स्ट्रोकोलॉजिस्ट कार्यक्रम के निदेशक डॉ. कुणाल बहरानी ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, विशेषकर वायु प्रदूषण के कारण। उन्होंने...

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फरीदाबाद में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में डॉ. कुणाल बहरानी, क्लिनिकल चिकित्सकों को स्ट्रोक के बारे में जानकारी देते हुए। -हप्र
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फरीदाबाद, 22 नवंबर (हप्र)

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के न्यूरोलॉजी विभाग के क्लीनिकल डायरेक्टर और स्ट्रोकोलॉजिस्ट कार्यक्रम के निदेशक डॉ. कुणाल बहरानी ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, विशेषकर वायु प्रदूषण के कारण। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में हर दिन लगभग 600 स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं, और भारत में होने वाले कुल 15 लाख स्ट्रोक मामलों में सबसे अधिक मामले यहां होते हैं। जेंडर के आधार पर पुरुषों को जंक फूड, शराब और धूम्रपान के कारण उच्च जोखिम होता है, वहीं महिलाओं में मेनोपॉज के बाद यह जोखिम और बढ़ जाता है। साथ ही, मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और अन्य कारण भी स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार हैं।

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डॉ. बहरानी ने कहा कि स्ट्रोक के मामलों में सही समय पर इलाज मिलना बेहद आवश्यक है, क्योंकि गोल्डन ऑवर में उचित इलाज से मौत या विकलांगता से बचा जा सकता है। स्ट्रोक के मामले में त्वरित उपचार की आवश्यकता को समझते हुए, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने स्ट्रोकोलॉजिस्ट कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य चिकित्सकों, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों और आईसीयू, ईआर डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना है, ताकि वे स्ट्रोक रोगियों का सही समय पर इलाज कर सकें। डॉ. बहरानी ने आगे बताया कि मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में स्ट्रोक के इलाज के लिए पूरी तरह से सक्षम टीम और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं। यहां की न्यूरो कैथ लैब और स्ट्रोक एम्बुलेंस 15 मिनट के भीतर संकट कॉल का जवाब देती है, जिससे समय पर इलाज सुनिश्चित किया जा सकता है। अस्पताल ने चिकित्सकों और नर्सों को प्रशिक्षित करने के लिए एडवांस्ड तकनीक का इस्तेमाल किया है, जो जीवन बचाने में सहायक होगा।

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