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रिस्की सॉल्वैंट्स पर सख्ती, जांच में मिली गड़बड़ियों पर नोटिस

स्वास्थ्य मंत्री आरती राव बोलीं, दवाओं की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं

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स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव। -हप्र
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हरियाणा सरकार ने एलोपैथिक दवाओं में इस्तेमाल होने वाले रिस्की सॉल्वैंट्स को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि सभी दवा निर्माताओं को इन सॉल्वैंट्स की खरीद, स्टॉक और उपयोग को लेकर कड़ी एडवाइजरी जारी की गई है। मानकों में कमी पाए जाने पर कई दवा कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि यह कदम दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हिस्सा लिया। नड्डा ने हरियाणा के इस सतर्क और जिम्मेदाराना रवैये की खुलकर सराहना की और कहा कि राज्य अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बन रहा है। आरती राव ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रोपीलीन ग्लाइकोल, ग्लाइकोल और ग्लिसरीन जैसे सॉल्वैंट्स के सत्यापन के लिए पहले ही निरीक्षण अभियान शुरू कर दिया था।

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उन्होंने कहा कि अब तक 37 निरीक्षण किए जा चुके हैं और 54 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। “सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर संयुक्त निरीक्षण भी शुरू किए गए हैं। अब तक 14 निरीक्षण पूरे हो चुके हैं और 31 नमूने लैब में भेजे गए हैं। जिन फर्मों में गड़बड़ी पाई गई है, उन्हें नोटिस थमा दिए गए हैं। राज्य की सेल यूनिट्स से सॉल्वैंट्स से जुड़े 267 नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग पहले से ही ऑनलाइन नेशनल ड्रग्स लाइसेंसिंग सिस्टम से जुड़ा है। राज्य में दवाओं के निर्माण और बिक्री के सभी लाइसेंस इसी पोर्टल के माध्यम से जारी किए जाते हैं। नड्डा ने इस पारदर्शी व्यवस्था की खासतौर पर सराहना की। आरती राव ने कहा कि अब तक 33 दवा विनिर्माण इकाइयों के रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन किए गए हैं। इनमें गड़बड़ी मिलने पर 12 फर्मों का उत्पादन बंद कराया गया और दो के लाइसेंस रद्द कर दिए गए।

दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं के 17 निरीक्षणों में भी सख्त कार्रवाई हुई है। एक लैब का लाइसेंस रद्द किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में नई आधुनिक दवा परीक्षण प्रयोगशाला अगले चार महीनों में शुरू होगी। इसके अलावा, गुरुग्राम, हिसार और करनाल में तीन नई प्रयोगशालाएं स्थापित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। इन पर करीब 91.9 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आरती सिंह राव ने कहा कि हरियाणा सरकार जनता के स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।

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