सोनीपत, 10 जुलाई (हप्र)
सोनीपत में शाम ढलते ही शहर के अनेक हिस्से अंधकार में डूब जाते हैं। लोग टूटी सड़कों पर अंधकार में जान जोखिम में डालकर चलने को मजबूर हैं। आए दिन कहीं न कहीं हादसे घटते रहते हैं। इस हालत के पीछे सबसे बड़ा कारण है स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत का कार्य संभाल रही एजेंसी की लापरवाही। एजेंसी की अनदेखी का आलम यह है कि शहर में महीने-महीने भर स्ट्रीट लाइटें ठीक नहीं हो पा रही हैं। बारिश के मौसम में और भी स्ट्रीट लाइट खराब हो गई हैं। बारिश के मौसम में सड़कों पर छाया अंधकार जान जोखिम में डाल सकता है।
शहर में स्ट्रीट लाइटों के प्रबंध पर लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद कई हिस्सों में शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। ओल्ड डीसी रोड, एटलस रोड, मुरथल रोड व औद्योगिक क्षेत्र में खराब स्ट्रीट लाइटों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों की लापरवाही की वजह से करीब एक किलोमीटर लंबे पुरखास रोड ओवरब्रिज पर वाहन चालक रात को रिस्क लेकर सफर करने को मजबूर हैं। वहीं, मुरथल रोड पर भी अंधेरे के कारण वाहन चलाना जोखिम भरा हो रहा है। साथ ही गलियों व सड़कों में स्ट्रीट लाइट खराब होने से दुकानदारों को चोरी का खतरा सता रहा है।
योजना का हवाला दे बच रहे अधिकारी
स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का ठेके पर नगर निगम हर महीने लाखों रुपये खर्च कर रहा है। जब बैठकों में पार्षदों द्वारा अधिकारियों से सवाल पूछा जाता है तो अधिकारी प्रदेश सरकार की ओर से नई लाइटें लगाए जाने की योजना का हवाला देकर पीछा छुड़ा लेते हैं। जबकि शिकायत स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत से संबंधित होते हैं। ऐसे में पार्षदों में अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी है। नगर निगम ने शहर की स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का जिम्मा एक निजी एजेंसी को सौंप रखा है। इसकी एवज में निगम हर महीने प्रति लाइट के हिसाब से भुगतान करता है। मगर शहरवासियों की माने तो बीते कुछ समय से एजेंसी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा पा रही है। ऐसे में शहर के कई हिस्सों में लाइटें खराब होने की शिकायत नगर निगम को मिलती रहती है, लेकिन अधिकारी एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे। ऐसे में एजेंसी मनमानी से काम कर रही है, जिससे स्ट्रीट लाइट खराब ही रहती हैं।