चंडीगढ़, 27 जुलाई (ट्रिन्यू)
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पर्यावरण व जल प्रदूषण के मुद्दे पर दिखाई गई सख्ती का असर नजर आने लगा है। प्रदेश सरकार ने अब नदियों व नहरों के प्रदूषण से निपटने के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। इस कड़ी में यमुना कैचमेंट एरिया के 277 गांवों का चयन किया गया है। यहां एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाए जाएंगे। इसी तरह से घग्गर कैचमेंट एरिया के भी 45 गांव चिह्नित किए गए हैं।
सरकार ने अधिकारियों को दो-टूक कहा है कि वे सीवर लाइन बिछाने, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण आदि के काम में तेजी लाएं। इस मुद्दे पर बुधवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल ने रिवर एक्शन प्लान की समीक्षा बैठक भी ली। बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, निकाय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क मुख्य रूप से मौजूद रहे।
कौशल ने कहा कि जल प्रदूषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों का नैतिक दायित्व बनता है कि वह नहर-नदियों को दूषित होने से बचाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न कारकों द्वारा दूषित पानी नहरों-नदियों में छोड़ने पर पूर्ण रोक लगाएं और सख्त निगारानी रखें। मानेसर, नाहरपुर कासनी में बन रहे एसटीपी के सीवरेज क्षमता बढ़ाने के कार्य की हर सप्ताह निगरानी करने का निर्णय लिया है। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय पर भेजनी होगी। अधिकारियों को दो-टूक कहा गया है कि अगर ठेकेदार काम में लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। कुंडली में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए जा रहे कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) की साइट का उद्योग विभाग के प्रधान सचिव मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। पब्लिक हेल्थ, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, शहरी स्थानीय निकाय विभाग तथा गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण संयुक्त रूप से घग्घर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 61 एमएलडी क्षमता के 8 एसटीपी बना रहा है। जनवरी-2023 तक इनके पूरा होने का अनुमान है। यमुना कैचमेंट में 380.5 एमएलडी क्षमता के 17 एसटीपी बनाए जा रहे हैं। घग्घर कैचमेंट में विभिन शहरों में 589 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन बिछाने का प्रस्ताव था। इसमें से 544 किलोमीटर लाइन बिछाई जा चुकी है। 3 शहरों में भी दिसंबर माह तक सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य पूरा होगा। यमुना कैचमेंट में 1652 किलोमीटर में से 1472 किलोमीटर लाइन बिछाई जा चुकी है। 6 शहरों में भी सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है।
120 एमएलडी क्षमता के 6 सीईटीपी लगेंगे
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस़ नारायणन ने बैठक में बताया कि यमुना कैचमेंट में 19 एमएलडी क्षमता के 3 कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगाए जा रहे हैं। दिसंबर तक 2 सीईटीपी संचालित हो जाएंगे। 120.5 एमएलडी क्षमता के 6 और सीईटीपी लगाने का प्रस्ताव है। इनकी डीपीआर बनाई जा रही है। घग्घर कैचमेंट में 3 एमएलडी 2 सीईटीपी लगाये जा रहे हैं, जिनका कार्य जल्द पूरा हो जाएगा।