चंडीगढ़, 8 अगस्त (ट्रिन्यू)
विधायकों को मिली धमकियों, माइनिंग माफिया द्वारा डीएसपी सुरेंद्र सिंह के मर्डर और प्रदेश की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सोमवार को हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के पहले ही दिन गरमी देखने को मिली। पक्ष और विपक्ष में इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई। पूरा विपक्ष इस मामले में एकजुट दिखा और सरकार को घेरता नज़र आया। 18 विधायकों ने कानून व्यवस्था को लेकर काम रोको प्रस्ताव दिया हुआ था, लेकिन स्पीकर ने इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बदल दिया। इससे नाराज कांग्रेस विधायकों ने दो बार सदन से वॉकआउट भी किया।
कांग्रेस विधायक आखिर तक यही चाहते रहे कि काम रोको प्रस्ताव को मंजूर करके उस पर चर्चा हो। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर ही चर्चा होगी। विधायकों को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा। काम रोको प्रस्ताव निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, ऐलनाबाद विधायक अभय सिंह चौटाला, एनआईटी विधायक नीरज शर्मा द्वारा दिए गए थे। इसी तरह से कांग्रेस के भी करीब डेढ़ दर्जन विधायकों ने इस मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव दिया था। कांग्रेस विधायकों के दो बार के वॉकआउट के बाद इस प्रस्ताव पर करीब पौने दो घंटे चर्चा चली और इस दौरान भी कई बार सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। गृह मंत्री अनिल विज ने पूर्व कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल के क्राइम के आंकड़ों की मनोहर सरकार के आठ वर्षों के कार्यकाल के साथ तुलना की। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में अपराध कम हुआ है। इतना ही नहीं, बदमाशों में पुलिस का खौफ भी बढ़ा है। पांच विधायकों को मिली फिरौती व जान से मारने की धमकी को मुद्दा बनाते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे होगी।
उन्होंने कहा कि आम आदमी भयभीत है। एक विधायक ने तो धमकी मिलने के बाद विधानसभा से इस्तीफा तक देने का मन बना लिया था। बिगड़ी कानून व्यवस्था के लिए विधायक डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने गृह मंत्री अनिल विज से इस्तीफा ही मांग लिया। कादियान यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अगर वे मंत्री होते तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देते। पलटवार करते हुए संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा, डॉ़ साहब आपकी सरकार में किस मंत्री ने इस्तीफा दिया था।
विज ने कहा कि विधायकों को धमकी देने वालों को स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा पकड़ा जा चुका है। कांग्रेस पर हमला करते हुए गृह मंत्री ने कहा, पूर्व की सरकार में मामलों को दबाया जाता था। भाजपा सरकार ने जीरो एफआईआर की शुरुआत की है।
‘एसटीएफ से ही मांग रहे फिरौती’
महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपना प्रस्ताव रखते हुए कहा कि सरकार को सख्ती से काम लेना होगा। बिगड़ी कानून व्यवस्था के कारण राज्य का माहौल खराब हो रहा है। विधायकों को तो धमकियां मिल ही रही हैं। इस मामले की जांच में जुटे स्पेशल टास्क फोर्स के सोनीपत के एक जवान से ही फिरौती मांगी जा रही है। तावड़ू के डीएसपी को माइनिंग माफिया ने कुचल कर मार दिया। इससे साफ है कि पुलिस का खौफ बदमाशों में बचा नहीं है।
2 से 5 लाख में बन रहे लाइसेंस : अभय
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने आरोप लगाए कि सिरसा व फतेहाबाद में 2 से 3 लाख रुपये में हथियारों के लाइसेंस बन रहे हैं। वहीं गुरुग्राम में पांच लाख रुपये तक लिए जाते हैं। इनेलो नेता ने कहा कि पिछले एक साल में 20 हत्या गैंगवार की वजह से हुई हैं। अभय ने आरोप लगाए कि प्रदेश में हथियारों के लाइसेंस भी सिफारिशों पर बनते हैं। वहीं अवैध हथियार आसानी से मिल रहे हैं। गुरुग्राम, पानीपत और करनाल में सबसे अधिक लाइसेंस बने हैं।
अब ऑटोमेटिक तरीके से भरे जाएंगे विभागों के बिजली बिल
हरियाणा के सरकारी विभाग व बोर्ड-निगम अब बिजली बिलों में देरी नहीं कर सकेंगे। कई ऐसे विभाग हैं, जिन पर करोड़ों रुपये की देनदारी है। इस समस्या का अब सरकार ने स्थाई समाधान निकल लिया है। सीएम ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि अब से सरकारी विभागों व बोर्ड-निगमों के बिजली बिलों की राशि विभागों के पास स्वतः पहुंच जाएगी। इसके लिए राज्य के बजट में ही प्रावधान किया जाएगा और अप्रैल माह में ही विभागों को राशि प्रदान कर दी जाएगी। सीएम ने कहा कि कई बार ऐसी शिकायतें सामने आती थी कि कुछ सरकारी विभागों के बिजली बिल बकाया हैं। इन्हीं समस्याओं के निदान के लिए राज्य बजट में ही प्रावधान किया जाएगा।
कानून-व्यवस्था नियंत्रण में : विज
विपक्ष के आरोपों पर गृह मंत्री विज ने कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। विधायकों को जबरन वसूली के कॉल/धमकी मिलने की सूचना के बाद विधायकों को व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मी प्रदान किए हैं। सुरक्षाकर्मियों के लिए वीवीआईपी सुरक्षा बारे रिफ्रेसर कोर्स का आयोजन किया गया और विधायकों के सुरक्षाकर्मियों को एके 47 जैसे उन्नत हथियार भी प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि डीएसपी सुरेंद्र सिंह के मर्डर में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। डीएसपी सुरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार हिसार में उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की है।
‘90 एमएलए की सुरक्षा में 811, फिर भी रामराज’
एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने अपने चिर-परिचित अंदाज में सरकार पर तंज कसे। उन्होंने कहा कि 90 विधायकों की सुरक्षा में 811 जवान लगाए हुए हैं। वहीं 19 नेताओं की सुरक्षा 615 लोग कर रहे हैं। सरकार फिर भी कहती है कि राम राज है, यह कैसा राम राज हुआ। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री तक के आदेश को नहीं माना जाता। 2016 में स्पीकर ने ही विधायक रहते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक द्वारा आउसटीज कोटा में प्लॉट आवंटन के मामले में सीएम को लिखा था। उन्होंने सीबीआई के आदेश दिए, लेकिन जांच नहीं हुई। सीएम ने दो बार आदेश किए थे।