रोहतक, 11 अक्तूबर (हप्र)
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में सोमवार को नेकस्ट जेन जीनोम सीक्वेंसिंग के अध्ययन तथा शोध के लिए अत्याधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना की गई। सवा करोड़ की लागत से शुरू हुई यह जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशाला वायरस, बैक्टीरिया, फंजाई, जंतु, पादप, मनुष्य जीनोम के अध्ययन तथा शोध के लिए कार्य करेगी। सोमवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह ने इस प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इस अत्याधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना पॉथ संगठन ने रॉकफेलर फाउंडेशन के आर्थिक सहयोग से की है। कुलपति ने बताया कि इस प्रयोगशाला संबंधित शोध कार्य में पं. बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के साथ सहभागिता एवं संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कुलपति ने कहा कि कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में जीनोमिक सर्वीलेंस का महत्त्व विशेष रूप से बढ़ा है। कुलपति ने कहा कि एमडीयू, जो कि ए प्लस विश्वविद्यालय है तथा भारत के श्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल है, इस प्रयोगशाला के जरिए रिसर्च इको-सिस्टम को प्रोत्साहन देगा। इस प्रयोगशाला उद्घाटन उपरांत ब्रीफिंग समारोह में पं बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विवि के पलमुनरी मेडिसिन तथा क्रिटिकल केयर के विभागाध्यक्ष प्रो. धु्रव चौधरी ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य के रूझानों के दृष्टिगत जिनोमिक इपीडिमियोलोजी में इस प्रयोगशाा का विशेष महत्त्व रहेगा। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन शोध निदेशक प्रो. ए.के. छिल्लर ने किया। कार्यक्रम में मंच संचालन प्राध्यापिका डा. रीतू गिल ने किया।