कैथल, 8 मई (हप्र)
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि हरियाणा सरकार ‘शराब पीओ और जीओ’ की नीति पर काम कर रही है। हरियाणा में खाने-पीने की वस्तुएं लोगों की पहुंच से बाहर हो रही हैं। सरकार महंगाई पर लगाम लगाने के बजाय शराब सस्ती कर रही है। सरकार को अपने राजस्व से मतलब है। उसे हरियाणा के युवाओं के खराब हो रहे भविष्य से कोई मतलब नहीं है। यही कारण है कि हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन है। युवाओं के लिए सरकार नशे को तो सस्ता कर रही है। लेकिन उनके रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही। गांव सेरहधा में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक में पूर्व मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि अब हरियाणा सरकार ने 6 मई को वर्ष 2022-23 के लिए घोषित अपनी नई आबकारी नीति में शराब पर वैट घटाकर इसे सस्ती करने का रास्ता खोल दिया है। फैसले के अनुसार वाइन पर आयात ड्यूटी घटाकर सात रुपये से घटाकर दो रुपये प्रति बल्क लीटर कर दी गई है। इससे भारत में निर्मित अंग्रेजी व आयतित शराब दोनों सस्ती हो जाएंगी।