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कैबिनेट में तीन बार चर्चा के बाद मंजूर हुई स्टेट कैरिज पॉलिसी

चंडीगढ़, 30 जुलाई (ट्रिन्यू) हरियाणा के अधिकांश गांवों को बस सर्विस से जोड़ने की परिवहन विभाग ने योजना बनाई है। स्टेट कैरिज पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और विगत दिवस इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है।...
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चंडीगढ़, 30 जुलाई (ट्रिन्यू)

हरियाणा के अधिकांश गांवों को बस सर्विस से जोड़ने की परिवहन विभाग ने योजना बनाई है। स्टेट कैरिज पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और विगत दिवस इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। प्राइवेट बसों को विभिन्न रूट्स पर बस चलाने के परमिट देने वाली यह पॉलिसी अगर सिरे चढ़ गई तो ग्रामीणों काे इसका सबसे अधिक लाभ होगा। वहीं बड़ी संख्या में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

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अहम बात यह है कि इस पॉलिसी पर कैबिनेट की मीटिंग में एकाध नहीं बल्कि तीन बार चर्चा हुई। दिसंबर-2022 में कैबिनेट में पॉलिसी ड्राफ्ट रखा गया। कैबिनेट के सुझावों के बाद नये सिरे से पॉलिसी तैयार की गई। इसके बाद इस साल भी पॉलिसी को दो बार कैबिनेट में लाया गया। आखिर में कैबिनेट की मुहर के बाद अब परिवहन विभाग ने पॉलिसी की अधिसूचना जारी की है।

विभाग के आला अधिकारियों ने पॉलिसी बनाने से पहले उस पर परिवहन विभाग के जिलों के अधिकारियों के साथ भी कई दौर की बैठकें की और विभिन्न ट्रांसपोर्टरों व परिवहन समितियों के साथ भी बैठक की। सूत्रों का कहना है कि ट्रांसपोर्टर इस बात पर अड़ हुए थे जो रूट विभाग ने तय किए हैं, उन पर परमिट की लिमिट फिक्स की जाए। सरकार ने इससे साफ इंकार कर दिया। यानी अब एक रूट पर जितने चाहे परमिट विभाग जारी कर सकेगा। इसमें किसी तरह की बंदिश नहीं रहेंगी। ट्रांसपोर्टर यह भी चाहते थे कि उन्हें गांवों की बजाय एक शहर से दूसरे या एक जिले से दूसरे जिले के सीधे रूट भी दिए जाएं। इससे भी सरकार ने यह कहते हुए साफ इंकार कर दिया कि इन रूट्स पर रोडवेज की बसें चल रही हैं और यहां सरकार प्राइवेट बसों को परमिट नहीं देगी। स्टेट कैरिज पॉलिसी बनाने का मुख्य उद्देश्य ही ग्रामीण इलाकों में परिवहन सेवाएं मुहैया करवाना है। रोडवेज कर्मचारियों का किसी तरह का विरोध न हो, इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग का फोकस ग्रामीण रूट्स पर रहा है।

विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने पॉलिसी बनाने से पहले कई बैठकें की। 10 जुलाई को उन्होंने सभी ट्रांसपोर्टर और परिवहन समितियों के साथ पूरा दिन बैठक की। इसके बाद 14 जुलाई को पंचकूला में पूरा दिन फिर बैठक चली। इस बैठक में ट्रांसपोर्टर के अलावा सभी आरटीए सचिव और रोडवेज डिपो के महाप्रबंधकों के अलावा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सभी से जिलावार रूट्स पर चर्चा की गई। इससे पहले 2016 की स्टेट कैरिज पॉलिसी में सरकार ने 273 रूट्स पर परमिट देने का निर्णय लिया था। इस बार की पॉलिसी में रूट्स की संख्या 273 से घटाकर 265 की है। पुरानों के मुकाबले बीस के लगभग रूट्स में थोड़ा बदलाव किया है। विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना में आम लोगों को सुझाव एवं आपत्तियां दर्ज करने के लिए एक माह का समय दिया है। इसके बाद विभाग फाइनल नोटिफिकेशन जारी करेगा।

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