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संस्कृति और शिल्प कला का केन्द्र बना गीता महोत्सव का मंच

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का मंच देश की संस्कृति और शिल्पकला का मुख्य केन्द्र बन चुका है। इस महोत्सव के मंच पर विभिन्न राज्यों की शिल्पकला और लोक संस्कृति को सहजता से देखा जा सकता है। देश-प्रदेश की इस अद्भुत...

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कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार। -हप्र
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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का मंच देश की संस्कृति और शिल्पकला का मुख्य केन्द्र बन चुका है। इस महोत्सव के मंच पर विभिन्न राज्यों की शिल्पकला और लोक संस्कृति को सहजता से देखा जा सकता है। देश-प्रदेश की इस अद्भुत शिल्प और लोक कला के रंगों ने महोत्सव में अपना रंग बिखेरना शुरू कर दिया है। इस अनोखे संगम से ब्रह्मसरोवर की फिजा भी महक उठी है। शिल्प और सरस मेले का चौथा दिन है और रोजाना पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ब्रह्मसरोवर के घाटों पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की तरफ से बेहतरीन कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही हैं।

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एनजेडसीसी के अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि एनजेडसीसी की तरफ से पंजाब का लड्डू, हिमाचल का कुल्लू-नाटी, जम्मू कश्मीर का राउफ, उत्तराखंड का छपेली नृत्य से पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। महोत्सव जहां विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुका है, वहीं दूसरी ओर इस महोत्सव में दूसरे राज्यों से आए शिल्पकार अपनी कला का अद्भुत प्रदर्शन कर रहे हैं। केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने बताया कि महोत्सव में 5 दिसंबर तक लगने वाले इस सरस और शिल्प मेले में शिल्पकारों की हस्त शिल्पकला से ब्रह्मसरोवर के पावन तट सज चुके हैं। महोत्सव में शिल्प का सिराज बिहार के गांव भागलपुर से महिलाओं के लिए सिल्क की साड़ियां, सूट और दुपट्टे बनाकर लाए हैं।

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उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि शिल्प और सरस मेला 5 दिसंबर तक चलेगा, वहीं इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 24 नवंबर से 1 दिसंबर, 2025 तक चलेंगे। इन मुख्य कार्यक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार, दीपोत्सव, वैश्विक गीता पाठ, संत सम्मेलन, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगी। महोत्सव-2025 के मुख्य कार्यक्रम ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में होंगे।

एसडीएम पंकज सेतिया ने कहा कि 29 नवंबर को विद्यार्थियों के बीच रंगोली, क्राफ्ट, स्कैच, श्लोक उच्चारण, गीता प्रस्ताव और सांस्कृतिक प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। 30 नवंबर को श्रीमद्भगवद कथा का आयोजित किया जाएगा। एक दिसंबर को ग्लोबल गीता पर चर्चा, गीता आरती और दीप दान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

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