नाभ सिंह मलिक/निस
रादौर, 10 मई
सरकार एक ओर तो जहां खेलो इंडिया यूथ गेम्स का नारा दे रही है, दूसरी ओर रादौर में चार साल से बनने वाले खेल स्टेडियम का निर्माण अधूरा पड़ा है। सरकार की ओर से खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि न मिलने के कारण खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य तीन साल से बंद पड़ा है। खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा न होने से खिलाड़ियों में निराशा हो रही है। जब स्टेडियम अधूरा तो कैसे होगा खेल का सपना पूरा।
रादौर शहर में खेल स्टेडियम बनाने की मांग यहां के लोग लंबे समय से कर रहे थे। लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दामला में आयोजित रैली में खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी।
खेल स्टेडियम की घोषणा होने के बाद यहां के खिलाड़ियों व आम लोगों में बेहद खुशी का मौहाल था। उन्हें खुशी थी कि अब उन्हें खेलों की प्रेक्टिस करने के लिए अन्य शहरों मे नहीं जाना पड़ेगा। लोग इसलिए खुश थे कि खेल स्टेडियम बनने से वे सुबह-शाम की सैर आराम से कर सकेंगे। करीब 2 करोड़ 63 लाख रुपए की अनुमानित लागत से तैयार होने वाले खेल स्टेडियम के लिए रादौर में बस अड्डे के सामने जगह निर्धारित की गई।
खेल स्टेडियम के लिए निर्धारित की गई नगरपालिका की करीब साढे तीन एकड़ भूमि में वर्ष 2018 में निर्माण कार्य शुरू किया गया। खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए सरकार की ओर से नगरपालिका को सरकार की ओर से राशि भेजी गई।
खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए न्यू विकास टोहाना कोआप्रेटिव सोसायटी को ठेका दिया गया था। राशि मिलते ही रादौर में खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। खेेल स्टेडियम के निर्माण के लिए चारदीवारी बनाई गई। चारदीवारी के अलावा खेल स्टेडियम के लिए ट्रैक, बास्केटबाल व बैडमिंटन के लिए इंडोर हाल व बैठने की व्यवस्था की जानी थी। रादौर में बनने वाले खेल स्टेडियम के निर्माण पर अब तक 67 लाख रुपए की राशि खर्च की चुकी है।
अनुमानित लागत के हिसाब से खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए 1 करोड़ 96 लाख रुपए की राशि की ओर से जरूरत थी। लेकिन तीन साल से खेल स्टेडियम के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से राशि नहीं भेजी गई है।
खेल स्टेडियम के आधे अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करवाने के लिए नगरपालिका चेयरपर्सन से लेकर पार्षद व अन्य लोग सरकार से बार-बार गुहार लगा चुके है। यहां तक की सांसद नायब सैनी व शहरी निकाय मंत्री को भी मिलकर बकाया राशि भिजवाने की मांग कर चुके हैं।
‘खेलों को बढ़ावा देने के दावे खोखले’
खेल स्टेडियम के नाम पर केवल इस समय आधी अधूरी चारदीवारी, बास्केटबाल व बैडमिंटन के लिए बनने पर इंडोर कोर्ट की दीवारें खड़ी हैं। बकाया राशि न मिलने के कारण इंडोर के लिए लैंटर भी नहीं डाला गया है। रादौर पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन कर्मबीर खुर्दबन व मूलराज ने बताया कि खेलों को बढ़ावा देने के सरकार के दावे खोखले सिद्ध हो रहे हैं। खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा न होने के कारण खिलाड़ियों को भारी निराशा हो रही है।
रादौर नगरपालिका की चेयरपर्सन बोलीं
रादौर नगरपालिका की चेयरपर्सन सुदेश रानी मेहता ने बताया कि खेल स्टेडियम के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए सरकार से बकाया राशि की मांग की गई है। बकाया राशि की मांग को लेकर विभाग को कई बार पत्र लिखे जा चुके है। उन्होंने बताया कि जल्द ही सरकार की ओर से बकाया राशि मिलते ही खेल स्टेडियम के निर्माण कार्य को पूरा करवा दिया जाएगा।