कोच की लापरवाही पर खेल मंत्री गौरव गौतम की सख्त कार्रवाई
पिछले महीने एथलेटिक कोच के ट्रांसफर के बाद अजय राठी को ग्राम खरहर में नियुक्त किया गया था। नियुक्ति के बाद से ही उनके लगातार मैदान से गायब रहने की शिकायत गांव के सरपंच व सदस्यों द्वारा बार-बार जिला खेल अधिकारी (डीएसओ) झज्जर को दी गई, पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। नतीजतन, ग्रामीणों ने सीधे खेल मंत्री गौरव गौतम को खिलाड़ियों को हो रही हानि से अवगत करवाया।
शिकायत मिलते ही खेल मंत्री ने जिला खेल अधिकारी और अपने निजी खेल सलाहकार को तत्काल औचक निरीक्षण पर भेजा। निरीक्षण के दौरान कोच अजय राठी सुबह की निर्धारित ट्रेनिंग से नदारद मिले। मैदान पर मौजूद खिलाड़ियों ने अधिकारियों को बताया कि कोच सप्ताह में केवल एक-दो दिन ही शाम की ट्रेनिंग में आता है। सुबह के सत्र में अक्सर बिल्कुल नहीं आता। अधिकांश खिलाड़ी बिना प्रशिक्षक के स्वयं अभ्यास करने को मजबूर हैं। जब फोन पर कोच से अनुपस्थिति का कारण पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दे सके।
विभागीय निर्देशों का भी पालन नहीं करने के आरोप
कार्यकारी डीएसओ ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें भी कोच के खिलाफ ग्रामीणों से लिखित शिकायत एक दिन पहले ही मिली थी। निरीक्षण रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि अजय राठी विभागीय निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे, जिससे प्रशिक्षण गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हो रही थीं। ग्रामीणों की शिकायत, हस्ताक्षरित पत्र, पूर्व शिकायतें और औचक निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर खेल मंत्री ने कोच अजय राठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए और विभाग को पूर्ण अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए।
खिलाड़ियों के हितों से समझौता नहीं : गौरव गौतम
मामले पर खेल मंत्री गौरव गौतम ने साफ कहा कि खिलाड़ियों के हितों से समझौता बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। ड्यूटी में लापरवाही या दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश में खेल सुविधाओं के सुचारू संचालन के लिए औचक निरीक्षण और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
ताईक्वांडो कोच पर भी सवाल
जांच के दौरान खिलाड़ियों ने यह भी बताया कि मैदान पर तैनात ताईक्वांडो कोच भी अक्सर उपलब्ध नहीं रहता। जांच में पता चला कि वह 3 दिन की मेडिकल छुट्टी पर हैं और इसकी एप्लीकेशन पहले ही कार्यालय में दे चुके हैं। खेल मंत्री ने डीएसओ को मौखिक निर्देश दिया है कि ताईक्वांडो कोच द्वारा भी आगे कोई लापरवाही न की जाए।
