Spiritual Tourism : हरियाणा के आध्यात्म पर्यटन को रफ्तार देंगे सिख संग्रहालय व गुरू रविदास संग्रहालय
आध्यात्म दृष्टिकोण के साथ दुनिया के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले कुरुक्षेत्र में पर्यटन के दृष्टिकोण से हरियाणा के अध्यात्म पर्यटन को रफ्तार देगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरूक्षेत्र के उमरी में 5 एकड में स्थापित होने वाले गुरू रविदास भवन एवं संग्रहालय व 3 एकड में स्थापित होने वाले सिख संग्राहलय के लिए उच्च स्तरीय निगरानी समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की है।
विरासत व पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा ने बताया कि कुरुक्षेत्र के उमरी में पुरातत्व व संग्रहालय विभाग व हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में कुरुक्षेत्र में गुरू रविदास भवन एवं संग्रहालय व सिख संग्राहलय के लिए समिति का गठन कर दिया गया है। दोनों संग्रहालय को भव्य तरीके से स्थापित करने व वैश्विक पहचान का केंद्र बनाने के उद्देश्य से गठित समिति की अध्यक्षता विरासत व पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा की जाएगी, जबकि समिति में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक, उपायुक्त कुरूक्षेत्र, मुख्यमंत्री हरियाणा के विशेष कार्य अधिकारी प्रभलीन, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उपनिदेशक बनानी भट्टाचार्या, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अंबाला के कार्यकारी अभियंता, विषय विशेषज्ञ, महानिदेशक, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है।
अरविंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र में गुरु रविदास की समावेशी और समतावादी शिक्षाओं पर आधारित देश का पहला इमर्सिव पर्यटन और आध्यात्मिक स्थल बनाया जाएगा। यह स्थल सामाजिक सद्भाव, चिंतन, शिक्षा और परिवर्तन का प्रतीक होगा, जहां दुनिया भर से तीर्थयात्रियों, पर्यटकों का आगमन होगा। उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय में गुरु रविदास की भव्य प्रतिमा स्थापित होगी, जिसके चारों ओर प्रवचन, प्रदर्शनी व सामुदायिक कार्यक्रमों के लिए एक ओपन-एयर थिएटर बनाया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, व्याख्यानों और सामुदायिक समारोहों के लिए एक आधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण भी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि बेगमपुरा के आदर्शवादी दृष्टिकोण को पुनर्जीवित करते हुए एक दुख-मुक्त शहर की प्रस्तावना तैयार की गई है, जहां आमजन सामाजिक समानता, न्याय और एकता की भावना को महसूस करेंगे। आगंतुकों के लिए प्रेम, विनम्रता और शांति की सार्वभौमिक शिक्षाओं पर ध्यान और चिंतन करने हेतु एक शांत, आध्यात्मिक रूप से उत्थानकारी स्थान ध्यान केंद्र, गुरू रविदास पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र, गुरबानी खोल हाल, संग्रहालय एवं डिजिटल गैलरी का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सिख संग्रहालय का विकास, जो सिख गुरुओं के दृष्टिकोण, शिक्षाओं और योगदान को प्रतिबिंबित करेगा। यह संग्रहालय सिख विरासत का जश्न मनाने, शिक्षा, अनुसंधान और पर्यटन को बढ़ावा देने वाला एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक स्थल होगा। संग्रहालय में सिख इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं, गुरू काल और उनके हरियाणा के साथ जुडाव पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसमें गुरु नानक देव से लेकर गुरु गोबिंद सिंह और उसके बाद के समय की प्रामाणिक और सत्यापित ऐतिहासिक जानकारी का सावधानीपूर्वक दस्तावेजीकरण और प्रस्तुतिकरण किया जाएगा, जिससे शैक्षणिक सटीकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता सुनिश्चित हो।