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Waste Management Dispute : कैथल का ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विवाद; 22 साल का ठेका, नियमों का उल्लंघन और 5 लाख का जुर्माना

हरियाणा के कई शहरों में सफाई का ठेका निजी हाथों में, सरकार ने सदन में किया स्वीकार, मंत्री ने कहा – बड़ा निवेश इसलिए 22 वर्षों का ठेका
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Waste Management Dispute : हरियाणा में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर सरकार के फैसले सवालों के घेरे में हैं। करनाल-कैथल-थानेसर क्लस्टर का अनुबंध निजी कंपनी सुगम स्वच्छता प्राइवेट लिमिटेड को 22 वर्षों के लिए दिया गया। सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र में प्रश्नकाल के दौरान कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने इस अनुबंध पर गंभीर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि इतनी लंबी अवधि के ठेके से जनता और नगर परिषद का नियंत्रण कमजोर पड़ जाता है। अगर कंपनी बीच में नियम तोड़े या लापरवाही बरते, तो क्या नगर परिषद के पास उसे हटाने या बदलने की ताकत बचेगी। सरकार ने दावा किया कि अनुबंध पूरी तरह से आरएफपी की शर्तों के अनुसार ही दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिसंबर-2024 में कैथल नगर परिषद को नोटिस जारी किया, जिसमें वायु एवं जल अधिनियमों के उल्लंघन की बात कही गई।

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इसके बाद नगर परिषद ने फरवरी, मई और जून 2025 में कंपनी को बार-बार नोटिस भेजा। लेकिन जब अनुपालन नहीं हुआ, तो 5 अगस्त, 2025 को कंपनी पर 5 लाख का जुर्माना ठोका गया। आदित्य सुरजेवाला के सवाल पर निकाय मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि कई शहरों में सफाई का ठेका निजी कंपनियों को दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 200 से 300 करोड़ रुपये का निवेश होता है। इसीलिए 22 वर्षों का ठेका दिया है।

यहां बता दें कि नगर निकाय विभाग ने कई जिलों में क्लस्टर आधारित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू की है। इन ठेकों की अवधि 22 साल रखी गई है। आदित्य सुरजेवाला का कहना है कि इतनी लंबी अवधि का ठेका कंपनियों को ‘कंफर्ट जोन’ में ले आता है, जिससे जवाबदेही घट जाती है। हालांकि कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लापरवाही पर सख्त जुर्माने के प्रावधान किए हैं। उल्लेखनीय है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी कुछ कंपनियों पर गंभीर आरोप भी लग चुके हैं।

करनाल की 26 कालोनियां होंगी वैध

निकाय मंत्री विपुल गोयल ने विधानसभा में करनाल विधायक जगमोहन आनंद के सवाल पर कहा कि विभाग के पास शहर की 26 और अनियमित कालोनियों को वैध करने के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। जगमोहन आनंद ने कहा कि वैध कालोनियों के बीच स्थित कुछ खसरा नंबर तथा 28 नई कालोनियां वैध होने से वंचित रह गई हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इन कालोनियों पर दो महीनों के भीतर निर्णय होगा और सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी।

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