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‘आई लव माई विलेज’ योजना में घोटाले की बू : पंचायत फंड से ‘कागजों’ में खरीदे बोर्ड व वाटर कूलर

सीएम फ्लाइंग ने संभाली जांच
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सोनीपत जिले में पंचायत विभाग की ‘आई लव माई विलेज’ बोर्ड और वाटर कूलर योजना पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। आरोप है कि पंचायत फंड से खरीदे गए बोर्ड और वाटर कूलर कागजों में ही दिखाकर अधिक राशि के फर्जी बिल बनाकर भुगतान कर लिया गया।

मुख्यालय स्तर से मामले की जांच सीएम फ्लाइंग को सौंपी गई है। टीम ने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) को पत्र लिखकर 2021 से 2025 तक लगाए गए बोर्ड और खरीदे गए वाटर कूलरों का पूरा ब्यौरा मांगा है। इसमें खरीद नियमावली, भुगतान विवरण और बिलों की सत्यापित प्रतियां शामिल हैं। डीडीपीओ ने 30 जुलाई को जिले के गन्नौर, मुरथल, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना, मुंडलाना और कथूरा खंडों के बीडीपीओ को आदेश दिया था कि 4 अगस्त तक जानकारी उपलब्ध कराएं। लेकिन अब तक किसी भी बीडीपीओ कार्यालय ने रिपोर्ट नहीं भेजी।

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आरोप है कि पंचायत विभाग ने कम कीमत में बोर्ड और कूलर खरीदे लेकिन फाइलों में उनकी कीमत बढ़ाकर दिखाई। यही कारण है कि जिले में अधिकांश गांवों में बोर्ड और वाटर कूलर नजर तक नहीं आते। गन्नौर ब्लॉक के बेगा गांव में एक बोर्ड लगा मिला जबकि बजाना गांव में सीमेंट की दीवार पर ‘आई लव माई विलेज’ लिखा गया है, लेकिन यह पंचायत फंड से बना या निजी स्तर पर, स्पष्ट नहीं हो पाया। अन्य खंडों में बोर्ड गिनती के ही दिखाई दिए। सीएम फ्लाइंग ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी मांगी है कि कितने बोर्ड लगाए गए, प्रति बोर्ड और प्रति कूलर की कीमत क्या रही, कितने गांवों में यह लगाए गए और खरीद से जुड़े बिल व नियम क्या थे।

बीडीपीओ को रिमाइंडर भेजा

कार्यवाहक डीडीपीओ ललिता वर्मा ने बताया कि रिपोर्ट न भेजने वाले बीडीपीओ को रिमाइंडर भेजा गया है। यदि जल्द ही जानकारी नहीं मिली तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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