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Smack Smuggling Case : दोषी महिला सहित दो को 10 साल की सजा, एक लाख जुर्माना भी होगा भरना

एएसआई दलशेर सिंह ने थाना राजौंद में केस दर्ज करवाया था
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प्रतीकात्मक चित्र।
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ललित शर्मा हमारे प्रतिनिधि

कैथल (4 मार्च)।

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अतिरिक्त सैशन जज डा. नंदिता कौशिक ने स्मैक रखने के जुर्म में एक महिला सहित दो लोगों को दस-दस साल की कैद व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद काटनी होगी।

इस केस में एक आरोपी चैन सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया जबकि एक अन्य विरेन्द्र उर्फ लाडी पीओ चल रहा है। इस संबंध में एएसआई दलशेर सिंह ने थाना राजौंद में केस दर्ज करवाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी उप जिला न्यायवादी सुखदीप सिंह ने की। उन्होंने बताया कि एक जांच के सिलसिले में पुलिस की टीम जींद जा रही थी।

स्मैक की तस्करी हरियाणा, पंजाब में करता है

इस बीच जींद रोड किठाना पर पुलिस को सूचना मिली कि गोपी उर्फ गोपाला निवासी खरकां राजस्थान, मध्य प्रदेश बगैरा से लाकर स्मैक की तस्करी हरियाणा, पंजाब में करता है। वह दो दिन पहले स्मैक लेने के लिए लाडी निवासी सफीदों व गुरप्रीत कौर निवासी स्लेमपुर को लेकर राजस्थान गया था और आज वापस आएगा। इसके बाद पुलिस ने रेडिंग पार्टी तैयार की।

कुछ देर बाद जीन्द से किठाना की तरफ एक गाड़ी आती दिखाई दी। पुलिस को देखकर चालक गाड़ी को भगाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनको काबू कर लिया गया। उनकी पहचान गोपाल सिंह उर्फ गोपी निवासी खरकां, विरेन्द्र उर्फ लाडी निवासी सफीदों, गुरप्रीत कौर निवासी सलेमपुर के रूप में हुई। जब उनकी ईटीओ रोशन लाल के सामने तलाशी ली गई तो गाड़ी से 2 किलो 85 ग्राम स्मैक मिली। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया व चालान तैयार किया।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे नंदिता कौशिक ने गोपाल सिंह और गुरप्रीत कौर को स्मैक रखने का दोषी पाया तथा दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई। साक्ष्यों के अभाव में चैन सिंह को बरी कर दिया गया। उसका नाम डिस्क्लोजर स्टेटमैंट में आया था। चौथे आरोपी विरेन्द्र को अदालत ने पीओ घोषित किया हुआ है।

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